BY: Yoganand Shrivastva
पटना: बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को बिहार राज्य इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा आयोजित विश्व संवाद कार्यक्रम में शिरकत की, जहां उन्होंने राज्य की शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति को लेकर गहरी चिंता जताई। अपने उद्बोधन के दौरान वे भावुक हो गए और बोले कि बीते चार महीनों में जो कुछ उन्होंने बिहार में देखा, वैसा अनुभव उन्हें अपने पांच साल के केरल कार्यकाल में भी नहीं हुआ।
बीएन कॉलेज की घटना पर व्यथित राज्यपाल
राज्यपाल ने हाल ही में पटना के बीएन कॉलेज में हुई बम विस्फोट की घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विश्वविद्यालयों में ऐसी हिंसक घटनाएं हो रही हैं। एक छात्र की मृत्यु पर दुख प्रकट करते हुए उन्होंने कहा, “मेरा दिल रो रहा है… यह शिक्षा का मंदिर है, न कि बम फेंकने की जगह। पिछले साल भी ऐसा ही हुआ था, और अब फिर एक मासूम की जान चली गई।”
उन्होंने बताया कि इस विषय पर पहले राजभवन में एक बैठक हुई थी, जिसमें कई निर्णय लिए गए थे, लेकिन उन पर अब तक अमल नहीं हुआ। जब उन्होंने कुलपति से रिपोर्ट के बारे में पूछा, तो जवाब मिला कि रिपोर्ट तैयार है लेकिन दस्तखत नहीं हुए हैं। इस पर आक्रोश व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “अगर कार्रवाई समय पर होती, तो शायद एक और जान न जाती।”
“ज्ञान के मंदिर को अराजक तत्वों के हवाले कर दिया गया है”
राज्यपाल ने कहा कि वे अब ऐसी मीटिंग राजभवन में नहीं, बल्कि उसी स्थान पर करेंगे जहां घटना हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि वे इस कार्यक्रम के बाद सीधे घटनास्थल का दौरा करेंगे।
“केरल में कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी”
केरल के अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि वहां संघर्ष इस बात को लेकर था कि उच्च शिक्षा में राजनीतिक हस्तक्षेप न हो। “वहां बहस इस बात पर थी कि वाइस चांसलर की नियुक्ति में राजनीतिक दबाव न हो, लेकिन हमने वहां ऐसा नहीं होने दिया। बिहार में स्थिति इससे कहीं अधिक गंभीर है।”
शिक्षाविदों से की सहयोग की अपील
राज्यपाल ने कहा कि उन्हें जो बातें सुनने को मिल रही हैं, वे इतनी शर्मनाक हैं कि वे उन्हें सार्वजनिक रूप से कहने में भी हिचकिचाते हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में कुछ नव-नियुक्त लोगों को धमकी भरे कॉल किए गए – “अगर ऐसा नहीं किया तो ट्रांसफर कर देंगे।” कुछ मामलों में उन्होंने कार्रवाई भी की है जहां आरोपों की पुष्टि हो चुकी थी।
अपने वक्तव्य के अंत में उन्होंने शिक्षा जगत से जुड़े लोगों से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा, “मैं आप सभी से हाथ जोड़कर मदद मांगता हूं। यह देश ज्ञान और संस्कृति की भूमि है – यदि यहां शिक्षा के मंदिरों में बम चलेंगे, तो यह पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है।”