12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे के बाद ब्लैक बॉक्स को विदेश भेजे जाने की अटकलों पर केंद्र सरकार ने विराम लगा दिया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अभी तक ब्लैक बॉक्स विदेश नहीं भेजा गया है और इसकी जांच देश में ही जारी है।
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AAIB करेगी अंतिम निर्णय
केंद्र ने गुरुवार को जारी अपने बयान में बताया:
- विमान दुर्घटना की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जा रही है।
- ब्लैक बॉक्स को विदेश भेजने का निर्णय तकनीकी, सुरक्षा और गोपनीयता जैसे अहम पहलुओं को ध्यान में रखकर लिया जाएगा।
- अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
हाई लेवल कमेटी भी कर रही जांच
- गृह सचिव की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय कमेटी भी हादसे की जांच में लगी है।
- यह कमेटी तीन महीने में रिपोर्ट पेश करेगी।
दोनों ब्लैक बॉक्स सेट मिल चुके हैं
- दुर्घटनाग्रस्त विमान से दो ब्लैक बॉक्स सेट—Cockpit Voice Recorder (CVR) और Digital Flight Data Recorder (DFDR)—मिले हैं।
- पहला सेट 13 जून को मेडिकल हॉस्टल की छत से बरामद किया गया।
- दूसरा सेट 16 जून को मिला।
- Boeing 787-8 ड्रीमलाइनर में यही दो ब्लैक बॉक्स सेट होते हैं।
AI-171 हादसे की पूरी जानकारी
- फ्लाइट AI-171 12 जून को दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई थी।
- 1:40 बजे, टेकऑफ के महज दो मिनट बाद ही विमान 200 फीट की ऊंचाई पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
- हादसे में 270 लोगों की मौत हुई, जिसमें से 241 यात्री विमान में सवार थे। सिर्फ एक यात्री जीवित बचा।
एयर इंडिया का बयान: विमान मेंटेनेंस में था दुरुस्त
एयर इंडिया के CEO कैम्पबेल विल्सन ने कहा:
- हादसे का शिकार हुआ Boeing 787-8 ड्रीमलाइनर पूरी तरह से मेंटेन था।
- इसका अंतिम मेजर चेक जून 2023 में हुआ था और अगला चेक दिसंबर 2025 में तय था।
- दाएं इंजन की ओवरहॉलिंग मार्च 2025 में और बाएं इंजन की जांच अप्रैल 2025 में हुई थी।
ब्लैक बॉक्स को “ब्लैक” क्यों कहा जाता है?
- एक मान्यता के अनुसार, पहले इसके अंदरूनी हिस्से काले रंग के होते थे, इसलिए इसे ‘ब्लैक बॉक्स’ कहा गया।
- दूसरी राय यह है कि हादसे के बाद यह आग में जलकर काला हो जाता है, जिससे इसका नाम पड़ा।
फिलहाल एयर इंडिया विमान हादसे की जांच देश में ही जारी है और ब्लैक बॉक्स को विदेश भेजने को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। AAIB की तकनीकी टीम पूरी गहराई से जांच कर रही है और गृह मंत्रालय की कमेटी भी हादसे की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।