चेन्नई, 28 अप्रैल 2025 – तमिलनाडु सरकार में बड़ा राजनीतिक भूचाल आया है, जहां मंत्री सेन्थिल बालाजी और के. पोनमुडी ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की सरकार में यह फेरबदल कानूनी और राजनीतिक दबाव के बीच हुआ है।
मुख्य बिंदु
✔ सेन्थिल बालाजी (परिवहन मंत्री) ने भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने घुटने टेके।
✔ के. पोनमुडी (उच्च शिक्षा मंत्री) ने विवादित बयानों के बाद इस्तीफा दिया।
✔ BJP नेता के. अन्नामलाई ने DMK पर हमला बोला, इसे “भ्रष्टाचार की सरकार” बताया।
✔ खाली हुए मंत्रालय शिवशंकर, मुथुसामी और राजा कन्नप्पन को सौंपे गए।
सेन्थिल बालाजी ने क्यों दिया इस्तीफा?
- नौकरी-के-बदले-पैसा घोटाले में आरोपित, ED ने गिरफ्तार किया था।
- सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया – “मंत्री पद रखें या जमानत?”
- कानूनी मुसीबतों से बचने के लिए इस्तीफा दिया।
पोनमुडी के इस्तीफे की वजह
- महिलाओं और धर्म पर आपत्तिजनक बयान देकर विवाद में फंसे।
- AIADMK-BJP ने विरोध प्रदर्शन किए, स्टालिन पर दबाव बना।
- जनता के गुस्से के आगे झुकना पड़ा।
अन्नामलाई का तीखा हमला
BJP के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने ट्विटर पर DMK सरकार को घेरा:
“भारतीय राजनीति के इतिहास में पहली बार, एक ही दिन में दो मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा। यह DMK की भ्रष्ट और अयोग्य सरकार को उजागर करता है।
- सेन्थिल बालाजी भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद मंत्री बने रहे, सुप्रीम कोर्ट ने रोका।
- पोनमुडी के बयानों ने महिलाओं का अपमान किया।
2026 के चुनाव में तमिलनाडु DMK की करतूतों का हिसाब करेगा।”
अब क्या होगा?
- मंत्रालयों का बंटवारा:
- बिजली → शिवशंकर
- उच्च शिक्षा → मुथुसामी
- परिवहन → राजा कन्नप्पन
- राजनीतिक असर:
- 2026 चुनाव से पहले DMK की मुश्किलें बढ़ीं।
- BJP-AIADMK भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाएंगे।