भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में एक बड़ी कार्रवाई में, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (जिसमें 26 लोगों की मौत हुई) पर “राष्ट्रविरोधी” टिप्पणियां करने के आरोप में 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सख्त रुख अपनाते हुए चेतावनी दी है कि पाकिस्तान का समर्थन करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया जा सकता है।
क्या हुआ?
- असम में 14 गिरफ्तारियां, जिनमें एक पत्रकार, एक वकील और एक छात्र शामिल।
- त्रिपुरा में 4 और मेघालय में 1 व्यक्ति को हिरासत में लिया गया।
- विपक्षी दल AIUDF के विधायक अमीनुल इस्लाम भी गिरफ्तार, जिन्होंने हमले को “सरकारी साजिश” बताया था।
सीएम हिमंत का सख्त बयान
एक्स (पहले ट्विटर) पर सीएम ने लिखा:
“मेरा काम स्पष्ट है—असम में पाकिस्तान और बांग्लादेश समर्थक तत्वों को कड़ी से कड़ी सजा देना।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत और पाकिस्तान दुश्मन देश हैं, और किसी भी तरह का समर्थन राष्ट्रविरोधी माना जाएगा।
यह मामला क्यों अहम है?
- पहलगाम हमले की जिम्मेदारी TRF (पाकिस्तानी आतंकी संगठन लेटे का प्रॉक्सी) ने ली है।
- सरकार सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रख रही है। “भारत विरोधी” या “पाकिस्तान समर्थक” पोस्ट करने वालों को तुरंत हिरासत में लिया जा रहा है।
प्रमुख गिरफ्तारियां
- मो. जाबिर हुसैन (पत्रकार, हाइलाकांडी)
- मो. एके बहाउद्दीन (छात्र, सिलचर)
- मो. जावेद मजुमदार (वकील, सिलचर)
- मो. मुस्ता अहमद (करीमगंज), जिसने फेसबुक पर “पाकिस्तान जिंदाबाद” लिखा था।
आगे क्या?
NSA के तहत सजा गंभीर हो सकती है। सरकार का संदेश स्पष्ट है: पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अपडेट्स के लिए बने रहें।