गुवाहाटी: असम विधानसभा में शुक्रवार को हुए हंगामे के बाद राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने मरियानी विधायक रूपज्योति कुर्मी को जनता से माफी मांगने का निर्देश दिया है। कुर्मी ने विधानसभा में विपक्षी नेताओं को धमकी दी और अशालीन भाषा का इस्तेमाल किया, जिसकी व्यापक आलोचना हुई।
भाजपा के असम प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने कुर्मी को एक पत्र लिखकर जनता से सार्वजनिक माफी मांगने को कहा है। पत्र में कुर्मी के व्यवहार को संसदीय परंपराओं के खिलाफ बताया गया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को न दोहराने की सलाह दी गई है।

क्या हुआ था विधानसभा में?
कुर्मी ने शुक्रवार को सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) पर चर्चा के दौरान विपक्षी दल रैजोर दल के विधायक अखिल गोगोई और निलंबित कांग्रेस विधायक शेरमान अली अहमद से नाराज होकर हंगामा किया। उन्होंने विपक्षी नेताओं को धमकी देते हुए माइक्रोफोन तोड़ने की बात कही और अशालीन भाषा का इस्तेमाल किया। इसके बाद वे विपक्षी सदस्यों की ओर बढ़े, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक दिया।
विपक्ष की मांग पर डिप्टी स्पीकर नुमाल मोमिन ने कुर्मी से माफी मांगने को कहा और अशालीन शब्दों को कार्यवाही से हटा दिया।
भाजपा की क्षति नियंत्रण की कोशिश
भाजपा के इस कदम को क्षति नियंत्रण का प्रयास माना जा रहा है। पार्टी नहीं चाहती कि यह मामला पंचायत चुनाव और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को प्रभावित करे। एक विश्लेषक के मुताबिक, ऊपरी असम में राजनीतिक नेताओं के बयान और व्यवहार को लेकर जनता बेहद संवेदनशील है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा की जोरहाट सीट पर हार का एक कारण कुछ विधायकों के विवादास्पद बयान भी थे।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
रैजोर दल के विधायक अखिल गोगोई ने इस मामले पर स्पीकर पर पक्षपात का आरोप लगाया है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि जब उन्हें सिंचाई विभाग में भ्रष्टाचार की जांच की मांग करने पर निलंबित किया गया था, तो कुर्मी को ऐसा व्यवहार करने के बावजूद निलंबित क्यों नहीं किया गया?
कांग्रेस ने भी इस घटना की आलोचना की है, लेकिन पार्टी के भीतर इस बात को लेकर नाराजगी है कि वरिष्ठ नेताओं ने इस मामले पर जोरदार प्रदर्शन नहीं किया। पार्टी के कुछ सदस्यों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं पर सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए था।
रूपज्योति कुर्मी का राजनीतिक सफर
कुर्मी 2006 से मरियानी सीट से लगातार जीत रहे हैं। वे पहले कांग्रेस के नेता थे, लेकिन 2021 में विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीतने के बाद भाजपा में शामिल हो गए। नवंबर 2021 में हुए उपचुनाव में उन्होंने फिर जीत हासिल की।
निष्कर्ष
भाजपा ने कुर्मी के व्यवहार को गंभीरता से लेते हुए उन्हें माफी मांगने का निर्देश दिया है। यह कदम पार्टी की छवि को बचाने और आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर उठाया गया है। हालांकि, विपक्ष का मानना है कि इस तरह की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।