परिजनों ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
रिपोर्टर: लोकेश्वर सिन्हा
लोकेशन: गरियाबंद
गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। इलाज में देरी के कारण एक गर्भवती महिला, ममता गोंड (27 वर्ष) की मौत हो गई। इस घटना के बाद स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं और परिजनों ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
घटना का विवरण
परिजनों के अनुसार, सोमवार सुबह 9 बजे ममता गोंड की तबीयत बिगड़ने पर महतारी एक्सप्रेस एंबुलेंस सेवा को कॉल किया गया था। लेकिन घंटों बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंची। तब तक ममता की हालत बिगड़ती चली गई। जैसे-तैसे परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छुरा लेकर पहुंचे, लेकिन यहां भी लापरवाही का सिलसिला जारी रहा।
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल पहुंचने के बाद ममता को आधे घंटे तक कोई इलाज नहीं मिला। परिजनों ने बताया कि ममता उस समय तक जिंदा थी और समय रहते इलाज मिल जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।
चिकित्सक का पक्ष
इस संबंध में स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. डी.एस. निषाद ने कहा कि वे ओपीडी में मरीज देख रहे थे और जैसे ही सूचना मिली, तुरंत ममता के पास पहुंचे। लेकिन तब तक महिला मृत पाई गई थी।
परिजनों का आक्रोश
ममता के परिजनों ने एंबुलेंस सेवा और स्वास्थ्य केंद्र प्रशासन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि समय पर एंबुलेंस और इलाज उपलब्ध होता तो ममता की जान बचाई जा सकती थी। परिजनों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल
इस दुखद घटना ने छुरा स्वास्थ्य केंद्र समेत जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविकता को उजागर कर दिया है। जहां एक ओर सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।