गुजरात सरकार ने मोटेरा में सरदार पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव और ओलंपिक सुविधाओं के विकास के लिए तीन आश्रमों की ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इनमें से 140 एकड़ ज़मीन खाली करने के नोटिस जारी किए गए हैं, जिसमें असाराम आश्रम के पास 120 एकड़ ज़मीन है, जबकि बाकी की ज़मीन भारतीय सेवा समाज और सदाशिव प्रज्ञा मंडल के पास है।
सरकार का आरोप: आश्रमों ने सरकारी ज़मीन पर कब्जा किया
जिला कलेक्टर कार्यालय का कहना है कि असाराम आश्रम ने सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जा कर रखा है और इसका इस्तेमाल चैरिटेबल कामों के बजाय कमर्शियल गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। हालांकि, सरकार ने पिछले साल ही इस ज़मीन को खेल परियोर्जनाओं के लिए चिन्हित किया था, लेकिन प्रक्रियात्मक देरी के कारण कार्रवाई नहीं हो पाई। अब लास्ट वीक नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
मुआवजे का मुद्दा: सरकार और आश्रमों में टकराव
सरकार ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है, जिसमें AMC कमिश्नर, AUDA CEO और अहमदाबाद कलेक्टर शामिल हैं। यह कमेटी मुआवजे (या तो वैकल्पिक ज़मीन या नकद) का फैसला करेगी। लेकिन, सरकार प्राइम लैंड देने से हिचक रही है, क्योंकि उसका मानना है कि आश्रम वैसे ही अवैध कब्जाधारी हैं।
ओलंपिक मास्टर प्लान: क्या होगा विकसित?
गुजरात सरकार की 650 एकड़ की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल है:
- 280 एकड़ – खेल सुविधाएं
- 240 एकड़ – ओलंपिक विलेज
- 50 एकड़ – साबरमती रिवरफ्रंट के किनारे इंफ्रास्ट्रक्चर
यह पूरी परियोजना मोटेरा, सुगाद, भाट और कोटेश्वर में फैली हुई है।
क्या होगा आगे?
अब देखना होगा कि आश्रम सरकार के नोटिस को स्वीकार करते हैं या कानूनी लड़ाई लड़ते हैं। अगर मामला कोर्ट तक पहुंचता है, तो परियोजना में और देरी हो सकती है।
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