BY: Yoganand Shrivastva
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। राजनीतिक दलों की सक्रियता, प्रशासनिक निर्णयों और सामाजिक मुद्दों ने चुनावी माहौल को काफी जीवंत और जटिल बना दिया है। यहां हम राज्य की राजनीति को प्रभावित करने वाले प्रमुख घटनाक्रमों पर नजर डालते हैं:
चुनाव आयोग की सक्रिय भूमिका
चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. विवेक जोशी ने राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए बिहार का चार दिवसीय दौरा शुरू किया है। इस दौरे में वे जिला और राज्य स्तर के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे, ईवीएम की कार्यप्रणाली की जांच करेंगे और मतदाताओं को मिलने वाली सुविधाओं का मूल्यांकन करेंगे। इससे संकेत मिल रहा है कि चुनाव की तारीखों की घोषणा निकट भविष्य में हो सकती है।
राजनीतिक गठबंधन और समीकरण
एनडीए: नीतीश कुमार का नेतृत्व बरकरार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे पूरी मजबूती से एनडीए के साथ बने रहेंगे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोग को महत्वपूर्ण बताया और किसी नए गठबंधन से इंकार किया।
महागठबंधन: नेतृत्व को लेकर मतभेद
महागठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच अभी तक मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर एक राय नहीं बन पाई है। इससे स्पष्ट है कि आंतरिक असहमति और नेतृत्व का अभाव चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकता है।
जन सुराज पार्टी: तीसरी ताकत की तैयारी
चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने अपनी ‘जन सुराज’ पार्टी को राज्य की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ाने का ऐलान किया है। उन्होंने किसी भी मौजूदा गठबंधन से दूरी बनाए रखी है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वे राज्य में एक वैकल्पिक राजनीति को स्थापित करना चाहते हैं।
प्रमुख राजनीतिक घटनाएं
राहुल गांधी का विवादास्पद दौरा
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दरभंगा स्थित अंबेडकर छात्रावास का दौरा किया, जिसके लिए प्रशासन से पूर्वानुमति नहीं ली गई थी। इसको लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार दलित समुदाय की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। इस मामले में राहुल गांधी सहित 18 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
रीतलाल यादव के खिलाफ कार्रवाई
दानापुर में विधायक रीतलाल यादव के परिजनों द्वारा किए गए अतिक्रमण पर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए 17 अवैध दुकानों को हटाया। यह कार्रवाई सरकारी भूमि की पुनः प्राप्ति के तहत की गई है।
शिक्षा में नई पहल
राज्य सरकार ने युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के उद्देश्य से इंजीनियरिंग कॉलेजों में फ्रेंच और जर्मन भाषाएं पढ़ाने की योजना शुरू की है। यह पहल ‘सात निश्चय’ योजना के ‘आर्थिक हल युवाओं के बल’ अभियान का हिस्सा है और प्रारंभिक चरण में 15 कॉलेजों में इसे लागू किया गया है।
किसान मोर्चा की गतिविधियाँ
संयुक्त किसान मोर्चा ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में 10 महापंचायतों के आयोजन की घोषणा की है। इनका उद्देश्य केंद्र सरकार की नीतियों और श्रम कानूनों के विरोध में जनमत तैयार करना है। मोर्चा आगामी 20 मई को देशव्यापी हड़ताल में भी भाग लेगा।
बिहार की राजनीति फिलहाल बदलाव और संघर्ष के मोड़ पर खड़ी है। एक ओर जहां सत्तारूढ़ गठबंधन अपने नेतृत्व को स्थिर बनाए रखने का प्रयास कर रहा है, वहीं विपक्षी खेमे में नेतृत्व और रणनीति को लेकर असमंजस बना हुआ है। नए राजनीतिक विकल्पों और सामाजिक आंदोलनों के चलते चुनावी समीकरण तेजी से बदलते नजर आ रहे हैं। ऐसे में आगामी चुनाव सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य की दिशा तय करने वाला एक निर्णायक मौका साबित हो सकता है।