BY: Yoganand Shrivastva
अगर आप मान बैठे हैं कि कोविड-19 का दौर अब बीत चुका है, तो सतर्क हो जाइए। दुनियाभर में एक बार फिर से कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। खासकर हांगकांग और सिंगापुर जैसे देशों में संक्रमण की रफ्तार ने स्वास्थ्य एजेंसियों को चिंतित कर दिया है।
क्या खत्म हो चुका है कोरोना?
2020 से 2022 के बीच तबाही मचाने वाला कोरोना अब महामारी (Pandemic) की जगह एक स्थायी संक्रमण (Endemic) के रूप में देखा जा रहा है। इसका मतलब यह है कि जैसे फ्लू या वायरल बुखार हमारे बीच रहता है, उसी तरह अब कोरोना भी खत्म नहीं होगा — बल्कि इससे साथ जीना सीखना होगा।
हांगकांग में फिर से बढ़ी चिंता
हाल ही में हांगकांग में 3 मई के दिन 31 मौतें सिर्फ कोरोना संक्रमण की वजह से दर्ज की गईं। संक्रमण के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि के बाद प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है और लोगों से कोविड गाइडलाइंस (मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइज़ेशन) का पालन करने की अपील की है।
सिंगापुर में हाई अलर्ट
सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि मई 2025 में कोरोना के मामले 28% तक बढ़े हैं। पिछले हफ्ते की तुलना में इस हफ्ते 14,200 नए केस सामने आए हैं। अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या में भी 30% का इजाफा हुआ है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि अभी तक इस नए वेरिएंट को लेकर किसी अत्यधिक गंभीर खतरे की पुष्टि नहीं हुई है।
कोविड का नया सब-वैरिएंट: JN.1
सामने आया नया वेरिएंट JN.1, ओमिक्रॉन के उप-प्रकार BA.2.86 का वंशज है। यह वैरिएंट भले ही भारत में नया हो, लेकिन इसे पहले अमेरिका, यूरोप, चीन और सिंगापुर जैसे देशों में देखा जा चुका है। वैज्ञानिक इसे लेकर नजर बनाए हुए हैं, हालांकि अभी तक इसके अधिक घातक या अत्यधिक संक्रामक होने के पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं।
क्या लौट सकती है नई लहर?
फिलहाल यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि पूरी दुनिया में कोविड की नई लहर लौट रही है, लेकिन एशिया के कई देशों में संक्रमण की रफ्तार और अस्पतालों की स्थिति जरूर चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि सावधानी और निगरानी ही इस स्थिति से निपटने का सबसे बेहतर तरीका है।