साइबर अपराध बढ़ रहे हैं, और हाल की रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी नंबरों (+92) से होने वाले फ्रॉड कॉल्स में अचानक वृद्धि हुई है। इन घोटालों में मैलवेयर हमले, फर्जी वसूली के धमकी भरे कॉल और सोशल इंजीनियरिंग के तरीके शामिल हैं, जिनका उद्देश्य लोगों को डराकर उनका फायदा उठाना है। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, साइबर अपराधी भ्रम और डर का फायदा उठा रहे हैं।
इस गाइड में शामिल है:
- नवीनतम मैलवेयर खतरे (जैसे “Dance of the Hillary”)
- धोखेबाजों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली आम युक्तियाँ
- भारतीय साइबर क्राइम अधिकारियों द्वारा सुरक्षा सलाह
- खुद को और अपने परिवार को बचाने के उपाय
बढ़ता खतरा: मैलवेयर और फ्रॉड कॉल
1. सोशल मीडिया के जरिए फैलने वाला खतरनाक मैलवेयर
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान से जुड़े एक साइबर हमले का पता लगाया है, जिसमें “Dance of the Hillary” मैलवेयर शामिल है। यह दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर फैलता है:
- WhatsApp, Facebook, Telegram और ईमेल के जरिए
- संक्रमित वीडियो/डॉक्यूमेंट फाइलों के माध्यम से
एक बार खोलने पर, यह मैलवेयर:
✔ बैंकिंग विवरण, पासवर्ड और निजी डेटा चुरा सकता है
✔ संक्रमित डिवाइस को रिमोटली कंट्रोल कर सकता है
2. पाकिस्तानी नंबरों (+92) से फ्रॉड कॉल्स में वृद्धि
साइबर अपराधी दो मुख्य तरीकों का उपयोग कर रहे हैं:
- “डिजिटल अरेस्ट” स्कैम – कॉलर खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर रिश्वत की मांग करते हैं।
- फर्जी अपहरण की धमकी – धोखेबाज दावा करते हैं कि परिवार का कोई सदस्य पुलिस हिरासत में है और पैसे की मांग करते हैं।
चेतावनी के संकेत:
- +92 (पाकिस्तान का ISD कोड) से कॉल
- फोन पर तुरंत भुगतान की मांग
- कानूनी कार्रवाई या अकाउंट सस्पेंशन की धमकी
खुद को कैसे बचाएं: सरकारी दिशा-निर्देश
🔹 भारतीय साइबर पुलिस की सलाह
✅ क्या करें:
✔ जानकारी की पुष्टि करें – केवल सरकारी स्रोतों पर भरोसा करें।
✔ फर्जी खबरों की रिपोर्ट करें – संदिग्ध संदेशों को अधिकारियों तक पहुँचाएँ।
✔ शांत रहें – धोखेबाज पीड़ितों को डराकर फंसाने की कोशिश करते हैं।
✔ स्थानीय पुलिस से संपर्क करें – धमकी मिलने पर 1930 (राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन) पर कॉल करें।
✔ परिवार के सदस्यों को शिक्षित करें – बुजुर्गों को अक्सर निशाना बनाया जाता है।
❌ क्या न करें:
✖ अनचाहे कॉल्स पर निजी/वित्तीय जानकारी साझा करें।
✖ सेना की गतिविधियों या संवेदनशील विषयों पर अप्रमाणित संदेश फॉरवर्ड करें।
✖ पैसे न दें – कोई भी वैध एजेंसी फोन पर भुगतान की मांग नहीं करती।
अगर आपको फ्रॉड कॉल आए तो क्या करें?
- कॉलर आईडी चेक करें – +92 नंबर पर तुरंत संदेह करें।
- कॉल काट दें – कॉलर से बात न करें।
- “पीड़ित” से सीधे संपर्क करें – अगर किसी प्रियजन के खतरे में होने का दावा किया जाता है, तो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
- FIR दर्ज कराएँ – घटना की रिपोर्ट स्थानीय साइबर क्राइम सेल में करें।
सरकारी चेतावनियाँ और अगले कदम
दूरसंचार विभाग (DoT) ने इन घोटालों के बारे में चेतावनी जारी की है। धोखेबाज अक्सर DoT अधिकारियों का रूप लेकर मोबाइल नंबर बंद करने की धमकी देते हैं, जब तक कि भुगतान नहीं किया जाता।
मुख्य बातें:
- कोई सरकारी एजेंसी फोन पर पैसे नहीं मांगती।
- किसी भी दावे की आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।
- जागरूकता फैलाएँ ताकि दूसरे शिकार न बनें।
अंतिम विचार: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
साइबर अपराधी तेजी से चालाक हो रहे हैं, लेकिन जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है। इन दिशा-निर्देशों का पालन करके, आप अपने और अपने परिवार को वित्तीय और डिजिटल नुकसान से बचा सकते हैं।
📌 मदद चाहिए?
- राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन: 1930
- स्थानीय साइबर पुलिस संपर्क (राज्य पुलिस वेबसाइट पर उपलब्ध)
सूचित रहें, सतर्क रहें, और कोई भी कार्रवाई करने से पहले पुष्टि जरूर करें।
🔗 अधिक अपडेट्स के लिए हमें फॉलो करें
साइबर सुरक्षा समाचार और सुरक्षा युक्तियों के लिए विश्वसनीय स्रोतों और सरकारी सलाहों को फॉलो करें।