फरार कारोबारी विजय माल्या ने एक पॉडकास्ट में खुलासा किया है कि किंगफिशर एयरलाइंस की बर्बादी के पीछे 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी प्रमुख कारण थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने उस समय के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से कंपनी को छोटा करने (डाउनसाइज) की अनुमति मांगी थी, लेकिन यह प्रस्ताव ठुकरा दिया गया।
आइए जानते हैं माल्या के इस इंटरव्यू की मुख्य बातें, जो एक बार फिर इस बहुचर्चित मामले को सुर्खियों में ले आई हैं।
2008 की आर्थिक मंदी को बताया मुख्य वजह
राज शमानी के पॉडकास्ट में माल्या ने कहा कि 2008 की वैश्विक मंदी ने सभी सेक्टर को प्रभावित किया, सिर्फ एविएशन सेक्टर को नहीं।
“आपने लेहमन ब्रदर्स का नाम सुना है? ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस? इसका असर भारत पर भी पड़ा। हर सेक्टर प्रभावित हुआ, पैसे की कमी हो गई, रुपया कमजोर हो गया।”
माल्या का कहना है कि किंगफिशर जैसी कंपनियां उस समय बुरी तरह प्रभावित हुईं क्योंकि फंडिंग बंद हो गई थी और संचालन लागत बेहद बढ़ गई थी।
जब प्रणब मुखर्जी ने डाउनसाइजिंग से किया इनकार
माल्या ने दावा किया कि उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मिलकर कंपनी की हालत बताई थी और कुछ विमानों को हटाने और कर्मचारियों को निकालने की अनुमति मांगी थी।
“मैंने कहा कि कंपनी नहीं चला पा रहा हूं, ऑपरेशन छोटा करना पड़ेगा। लेकिन मुझे कहा गया कि डाउनसाइज मत करो, बैंक सहयोग करेंगे।”
माल्या के अनुसार, उन्हें यह सलाह दी गई कि वह सेवाएं जारी रखें और सरकार तथा बैंक उनकी मदद करेंगे। लेकिन यह फैसला कंपनी पर भारी पड़ गया।
‘किंगफिशर की उड़ान बंद होने की यही थी शुरुआत’
माल्या ने कहा कि इस सरकारी रुख के कारण उन्हें पूरा ऑपरेशन उसी पैमाने पर जारी रखना पड़ा, जिससे घाटा और बढ़ता गया।
“यहीं से शुरुआत हुई… बाद में कंपनी ने उड़ानें बंद कर दीं… जब मैंने लोन मांगा, कंपनी पहले से ही बुरी स्थिति में थी।”
उनका कहना है कि किंगफिशर को सही समय पर ऑपरेशन छोटा करने दिया जाता, तो शायद हालात अलग होते।
‘मुझे भगोड़ा कहो, लेकिन चोर क्यों?’
माल्या ने इस बातचीत में खुद को “फेयर फ्यूजिटिव” कहे जाने को स्वीकार किया लेकिन यह पूछा कि उन्हें ‘चोर’ क्यों कहा जाता है?
“मैं मार्च 2016 के बाद भारत नहीं लौटा, मानता हूं कि आप मुझे भगोड़ा कह सकते हैं। लेकिन मैं प्लान के तहत देश से निकला था, भागा नहीं। अब बताइए चोरी कहां हुई?”
माल्या ने कहा कि उन्होंने देश छोड़ने से पहले किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया था और उन्हें “चोर” कहना अनुचित है।
9,000 करोड़ के बैंक लोन और कोर्ट में मामला
विजय माल्या पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय बैंकों के ₹9,000 करोड़ से अधिक का धोखाधड़ीपूर्वक लोन लिया, जो मुख्य रूप से किंगफिशर एयरलाइंस को दिया गया था। फरवरी 2025 में, उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट में कहा कि उनकी और यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स लिमिटेड (UBHL) की संपत्तियों से यह पैसा कई बार वसूला जा चुका है।
माल्या 2016 से यूनाइटेड किंगडम में रह रहे हैं, और भारत सरकार उन्हें प्रत्यर्पण के लिए कोशिश कर रही है।
निष्कर्ष: क्या अब भी लौटेंगे विजय माल्या?
इस पॉडकास्ट में दिए गए बयानों से स्पष्ट है कि माल्या अब भी अपने फैसलों का बचाव कर रहे हैं और भारत लौटने को लेकर शर्तें और न्याय की मांग कर रहे हैं। हालांकि भारत सरकार ने उनके ताजा बयानों पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।