BY: Yoganand Shrivastva
मुंबई महाराष्ट्र की राजनीति में संभावित समीकरणों को लेकर अटकलों के बीच शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के साथ गठबंधन पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता की मंशा ही आखिरी फैसला तय करेगी और इस मुद्दे पर “हम कोई संकेत नहीं देंगे, सीधे खबर देंगे।”
गठबंधन की चर्चाओं पर ठाकरे का रुख
हाल के दिनों में शिवसेना (UBT) और MNS के बीच गठबंधन को लेकर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं। जब उद्धव ठाकरे से इस पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र की जनता जो तय करेगी, वही होगा। हम इशारे नहीं देंगे, सीधे कार्रवाई और खबर देंगे।”
इस बयान ने संकेत दे दिया है कि शिवसेना (UBT) किसी भी संभावित राजनीतिक साझेदारी को लेकर गंभीर है, लेकिन इस बार रणनीति पर्दे के पीछे से तय होगी।
अमित ठाकरे ने क्या सुझाव दिया?
राज ठाकरे के पुत्र अमित ठाकरे ने भी इस विषय पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “राज और उद्धव दोनों भाई हैं, और अगर गठबंधन होना है तो उन्हें आपस में सीधे संवाद करना चाहिए। मीडिया के ज़रिये बयानबाज़ी से कुछ नहीं होगा।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि दोनों नेताओं ने अतीत में—चाहे 2014 हो, 2017 या कोविड संकट का समय—साथ काम किया है। इसलिए अब फिर से संवाद की ज़रूरत है।
प्रकाश महाजन की प्रतिक्रिया
MNS के वरिष्ठ नेता प्रकाश महाजन ने गठबंधन की गंभीरता को लेकर अपनी राय रखी। उनका कहना है कि अगर शिवसेना (UBT) इस गठबंधन को लेकर वास्तव में गंभीर है, तो पार्टी के वरिष्ठ नेता आदित्य ठाकरे को स्वयं आगे बढ़कर राज ठाकरे से मिलना चाहिए।
महाजन ने यह भी कहा, “यदि शिवसेना किसी कनिष्ठ नेता को भेजती है, तो MNS भी उसी स्तर के प्रतिनिधि को भेजेगी। लेकिन अगर आदित्य ठाकरे पहल करते हैं, तो यह दोनों दलों के बीच की गंभीरता को दर्शाएगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि मराठी समाज के भीतर एकजुटता की भावना है और यदि बातचीत सकारात्मक दिशा में जाती है, तो गठबंधन संभव है।
गठबंधन की चर्चा की शुरुआत कैसे हुई?
इस पूरे मुद्दे की शुरुआत आदित्य ठाकरे के एक बयान से हुई थी, जिसमें उन्होंने कहा था, “अगर कोई दल महाराष्ट्र के हितों की रक्षा के लिए हमारे साथ आना चाहता है, तो हम उसे साथ लेकर चलने के लिए तैयार हैं।