गणतंत्र दिवस 2025: पिछले 75 वर्षों से सीखे गए सबक
भारत के 76वें गणतंत्र दिवस पर, यह सही समय है कि हम अपनी यात्रा पर विचार करें और उन महत्वपूर्ण सबकों को समझें जो पिछले 75 वर्षों ने हमें सिखाए हैं। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ, और तब से लेकर आज तक भारत ने एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। आइए, इस ऐतिहासिक मौके पर उन प्रमुख सबकों को जानें जो हमें एक मजबूत और प्रगतिशील राष्ट्र बनाने में मदद कर रहे हैं।
1. लोकतंत्र की शक्ति और इसकी रक्षा
जब भारत गणराज्य बना, तो हमें लोकतंत्र का वरदान मिला। पिछले दशकों में हमारे चुनाव, न्यायपालिका और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ने यह सिखाया है कि लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए पारदर्शिता, जिम्मेदारी और जनता की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।
जो सीखा: लोकतंत्र तब काम करता है जब लोग उसमें शामिल होते हैं और अपने नेताओं को जिम्मेदार ठहराते हैं।
2. विविधता में एकता – हमारी सबसे बड़ी ताकत
भारत एक बहुभाषी, बहु-सांस्कृतिक और बहु-धार्मिक देश है, फिर भी “विविधता में एकता” का सिद्धांत हमें हमेशा एकजुट करता है। चाहे त्योहार हो, कला हो, या परंपराएं, हम अपनी विविधता को सम्मान देते हुए उसे अपनी ताकत बनाते हैं।
जो सीखा: हमारी विविधता हमारा बोझ नहीं, बल्कि हमारी ताकत है। हम जब अपनी विविधताओं को अपनाते हैं, तब हम सबसे मजबूत होते हैं।
3. संविधान – एक जीवित दस्तावेज़
भारतीय संविधान, जिसे 1950 में लागू किया गया था, ने यह साबित किया है कि वह समय के साथ लचीला और प्रासंगिक है। हमने इसे कई बार संशोधित किया है ताकि यह समाज की बदलती जरूरतों के साथ तालमेल बना सके।
जो सीखा: एक संविधान को लचीला होना चाहिए और हमें इसे संरक्षित रखना चाहिए, क्योंकि यही हमारे लोकतंत्र की रीढ़ है।

4. आर्थिक विकास – आत्मनिर्भरता से वैश्विक ताकत तक
भारत ने एक कृषि आधारित अर्थव्यवस्था से विकसित होकर वैश्विक मंच पर एक मजबूत आर्थिक ताकत के रूप में अपनी पहचान बनाई है। 1991 के आर्थिक सुधार, “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” जैसी पहलें इस यात्रा के प्रमुख पड़ाव रही हैं।
जो सीखा: आर्थिक वृद्धि के लिए आत्मनिर्भरता और वैश्वीकरण के बीच संतुलन जरूरी है।
5. तकनीकी क्रांति – विकास का नया रास्ता
डिजिटल इंडिया और तकनीकी नवाचारों ने भारत को एक नई दिशा दी है। ऑनलाइन शिक्षा, डिजिटल भुगतान, और तकनीकी स्टार्टअप्स ने हमें यह सिखाया कि अगर हमें प्रगति करनी है, तो हमें तकनीक का पूरी तरह से फायदा उठाना होगा।
जो सीखा: तकनीकी प्रगति सिर्फ सुविधा का सवाल नहीं, बल्कि यह देश को आगे बढ़ाने का एक अहम जरिया है।
6. पर्यावरण संरक्षण – संतुलन की आवश्यकता
जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय समस्याओं ने हमें यह सिखाया है कि आर्थिक विकास को पर्यावरण की रक्षा के बिना आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। भारत की जलवायु परिवर्तन के प्रति प्रतिबद्धताएँ और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली नीतियां यह साबित करती हैं कि हम सतत विकास के प्रति गंभीर हैं।
जो सीखा: सतत विकास तभी संभव है जब हम पर्यावरण की रक्षा भी करें।
7. महिला सशक्तिकरण – प्रगति की कुंजी
भारत में महिलाओं ने हर क्षेत्र में बाधाओं को पार करते हुए अपनी पहचान बनाई है। राजनीति, व्यापार, खेल—हर क्षेत्र में महिलाओं का बढ़ता हुआ योगदान यह दिखाता है कि महिला सशक्तिकरण ही भारत के विकास की कुंजी है।
जो सीखा: अगर हम महिलाओं को समान अवसर देंगे, तो हमारा समाज और राष्ट्र दोनों मजबूत होंगे।
8. वैश्विक मंच पर भारत – भविष्य को आकार देना
गुटनिरपेक्ष आंदोलन से लेकर G20 की अध्यक्षता तक, भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाई है। हमारी विदेश नीति हमेशा शांति, सहयोग और विकास पर आधारित रही है।
जो सीखा: भारत का वैश्विक प्रभाव महत्वपूर्ण है, और हम हमेशा शांति और सहयोग के रास्ते पर चलें तो हम सबसे प्रभावी हो सकते हैं।
9. शिक्षा और स्वास्थ्य – मजबूत राष्ट्र की नींव
भारत ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार की दिशा में कई कदम उठाए हैं। “Right to Education” और “आयुष्मान भारत” जैसी योजनाओं ने यह सुनिश्चित किया है कि हर नागरिक को शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा मिले।
जो सीखा: शिक्षा और स्वास्थ्य में निवेश करना ही समृद्ध और मजबूत राष्ट्र की नींव है।
10. चुनौतियों का सामना – आगे बढ़ते रहना
युद्धों, आर्थिक संकटों, प्राकृतिक आपदाओं, और महामारी जैसे संकटों का सामना करते हुए भारत हमेशा एकजुट रहा। COVID-19 महामारी ने हमें दिखाया कि मुश्किल वक्त में हम अगर साथ खड़े हों, तो हर चुनौती को पार किया जा सकता है।
जो सीखा: कठिन समय में एकजुटता और दृढ़ता से ही हम किसी भी समस्या का समाधान ढूंढ सकते हैं।
गणतंत्र दिवस 2025 पर, हमें न केवल अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाना चाहिए, बल्कि उन सबकों को भी याद करना चाहिए जिन्होंने हमें बेहतर भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन किया है। पिछले 75 वर्षों ने यह साबित किया है कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसका लोकतंत्र, उसकी विविधता और उसका संविधान है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम इन सभी महत्वपूर्ण सबकों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाएं और एक मजबूत और समृद्ध भारत का निर्माण करें।
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