पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर आतंक का कहर देखने को मिला जब एक आत्मघाती हमलावर ने बच्चों से भरी स्कूल बस को निशाना बनाया। इस दर्दनाक हमले में 4 मासूम बच्चों की मौत हो गई जबकि 38 से अधिक लोग घायल हो गए।
क्या हुआ इस आत्मघाती हमले में?
- स्थान: खुज़दार ज़िला, बलूचिस्तान प्रांत, पाकिस्तान
- समय: बुधवार सुबह, जब बस बच्चों को स्कूल ले जा रही थी
- हमले का तरीका: आत्मघाती कार बम से सीधी टक्कर
- हादसे का असर: चार बच्चों की मौत, दर्जनों घायल, कई की हालत गंभीर
किसने किया हमला? अब तक कोई जिम्मेदारी नहीं
फिलहाल इस हमले की जिम्मेदारी किसी भी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। लेकिन स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों का शक बलूच अलगाववादी गुटों पर है। इनमें से बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे संगठन पहले भी इस तरह के हमलों को अंजाम दे चुके हैं।
पाकिस्तानी गृह मंत्री ने क्या कहा?
पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहन नक़वी ने इस बर्बर हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा:
“मासूम बच्चों को निशाना बनाना हैवानियत की पराकाष्ठा है। ऐसे दरिंदों के लिए कोई माफी नहीं हो सकती। यह सीधा मानवता पर हमला है।”
बलूचिस्तान: वर्षों से जारी हिंसा का केंद्र
बलूचिस्तान प्रांत लंबे समय से उग्रवाद और आतंक से जूझ रहा है। यहां सक्रिय अलगाववादी गुट अक्सर:
- सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं
- सरकारी प्रतिष्ठानों और आम नागरिकों पर हमले करते हैं
- स्वतंत्र बलूचिस्तान की मांग करते हैं
क्या है बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA)?
- एक अलगाववादी आतंकवादी संगठन
- वर्ष 2019 में अमेरिका ने इसे आतंकवादी संगठन घोषित किया था
- हाल ही में BLA ने बयान दिया था कि वे पाकिस्तानी सेना और उसके “सहयोगियों” पर हमले तेज करेंगे
इससे पहले भी हुआ था धमाका: जब्बार मार्केट हमला
इस आत्मघाती हमले से कुछ दिन पहले ही बलूचिस्तान के किला अब्दुल्ला जिले के जब्बार मार्केट में भी एक कार बम विस्फोट हुआ था जिसमें:
- 4 लोग मारे गए
- 20 से अधिक घायल हुए
- फ्रंटियर कॉर्प्स फोर्ट की दीवार के पास हुआ धमाका
- हमले के बाद हमलावरों और सुरक्षा बलों के बीच फायरिंग भी हुई थी
मई की शुरुआत में भी बड़ा हमला
- तारीख: 6 मई 2025
- घटना: पाकिस्तानी सेना का वाहन IED (इम्प्रोवाइज़्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) की चपेट में आया
- नतीजा: 7 जवान शहीद, हमला BLA द्वारा किए जाने का संदेह
क्या कहता है यह बढ़ता आतंक?
बलूचिस्तान में लगातार बढ़ते हमलों से यह स्पष्ट होता है कि:
- क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कमजोर है
- अलगाववादी गुट मासूम नागरिकों को भी निशाना बना रहे हैं
- पाकिस्तान को आंतरिक रूप से स्थिरता की गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है
निष्कर्ष: कौन जिम्मेदार है इन मासूम मौतों का?
जब स्कूल बसों तक को नहीं बख्शा जा रहा, तब सवाल उठता है — क्या पाक सरकार और सेना इस उग्रवाद को रोकने में असफल हो रही है? बलूचिस्तान में अब बच्चों की सुरक्षा भी खतरे में है। इस क्षेत्र में शांति स्थापना के लिए:
- राजनीतिक समाधान की जरूरत है
- सुरक्षा बलों की जवाबदेही तय होनी चाहिए
- स्थानीय लोगों के साथ संवाद बहाल किया जाना चाहिए