Nvidia के सीईओ जेनसन हुआंग ने हाल ही में कहा कि अमेरिका द्वारा चीन को AI चिप्स की एक्सपोर्ट पर लगाए गए प्रतिबंध असफल रहे। इन प्रतिबंधों ने चीन को अपनी स्थानीय चिप टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए प्रेरित किया है। इस लेख में हम समझेंगे कि कैसे ये एक्सपोर्ट कंट्रोल Nvidia के बिजनेस और चीन की चिप इंडस्ट्री पर असर डाल रहे हैं।
अमेरिका ने AI चिप्स पर लगाए क्या प्रतिबंध?
अमेरिकी सरकार ने चीन को अत्याधुनिक AI चिप्स एक्सपोर्ट करने पर कई सख्त पाबंदियां लगाई हैं। इनका मकसद चीन के तकनीकी विकास को रोकना था।
- बाइडेन प्रशासन: Nvidia के सबसे एडवांस्ड AI चिप्स चीन में बेचने पर रोक लगाई।
- ट्रम्प प्रशासन: कम क्षमता वाले H20 चिप पर भी पाबंदी बढ़ाई।
- नवीनतम नियम: Huawei के कुछ चिप्स के इस्तेमाल पर रोक के निर्देश जारी।
Jensen Huang ने क्यों कहा ये प्रतिबंध फेलियर हैं?
ताइवान के Computex सम्मेलन में हुआंग ने कहा:
“इन एक्सपोर्ट कंट्रोल्स ने चीन के स्थानीय कंपनियों को नई ऊर्जा दी है और सरकार का समर्थन मिला है, जिससे उनका विकास तेज हुआ।”
उन्होंने बताया कि Nvidia का चीन में मार्केट शेयर 95% से घटकर 50% रह गया है।
Nvidia के चीन में व्यापार पर प्रभाव
चीन Nvidia के लिए बड़ा बाजार है, लेकिन प्रतिबंधों से इसका प्रभाव पड़ा है:
- मार्केट शेयर में कमी: 95% से घटकर 50% हुआ।
- स्थानीय विकल्पों का बढ़ता प्रयोग: Huawei जैसी कंपनियों के चिप्स का उपयोग।
- नई R&D केंद्र: Nvidia ने शंघाई में नए रिसर्च सेंटर की स्थापना की है।
चीन की प्रतिक्रिया और वैश्विक असर
चीन ने अमेरिका की पाबंदियों को ‘धमकाने’ और ‘अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन’ बताया है।
- चीन ने चिप निर्माण में भारी निवेश बढ़ाया है।
- दोनों देशों के बीच ट्रेड तनाव बढ़े हैं।
Nvidia और AI चिप्स का भविष्य
नvidia अब नए नियमों के अनुसार नई चिप्स विकसित कर रहा है ताकि चीन में कारोबार जारी रखा जा सके।
- नई कंप्लायंट चिप्स का विकास।
- स्थानीय R&D को मजबूत करना।
- जटिल भू-राजनीतिक माहौल में टिके रहना।
निष्कर्ष
Nvidia के CEO के अनुसार, अमेरिका की AI चिप्स पर चीन को लगाई गई एक्सपोर्ट पाबंदियां चीन के लिए नई तकनीक विकसित करने का अवसर बन गई हैं। यह वैश्विक टेक्नोलॉजी ट्रेड और निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। Nvidia की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह कैसे इन चुनौतियों का सामना करता है।