रिपोर्ट: चेतन सिंह
इंदौर, 21 मई 2025 — इंदौर लोकायुक्त की टीम ने आजाद नगर क्षेत्र के झोन क्रमांक 18 में पदस्थ नगर निगम के ऑफिस अधीक्षक को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी संजय वेद पर नियुक्ति के बदले 20,000 रुपये की मांग का आरोप है। लोकायुक्त की यह कार्रवाई फरियादी की शिकायत और सटीक योजना के तहत की गई।
क्या है पूरा मामला:
पीड़ित संजय सिंगोलिया, निवासी लाला राम नगर, इंदौर ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि वर्ष 2008 से जुलाई 2024 तक वह नगर निगम इंदौर के झोन 11 और झोन 18 के वार्ड क्रमांक 63 में मस्टर ड्रेनेजकर्मी के रूप में कार्यरत था। 18 जुलाई 2024 को अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन द्वारा उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया था। बाद में 13 मई 2025 को उपायुक्त नगर निगम ने उन्हें पुनः झोन 18 में नियुक्त करने का आदेश जारी किया।
जब संजय सिंगोलिया यह आदेश लेकर झोन 18 के ऑफिस अधीक्षक संजय वेद से मिले, तो अधीक्षक ने नियुक्ति के बदले 20,000 रुपये की मांग की। बातचीत के बाद 15,000 रुपये में सौदा तय हुआ, जिसमें से 5,000 रुपये तत्काल ले लिए गए और बाकी राशि देने पर ही नियुक्ति देने की बात कही गई।

रंगे हाथों पकड़ाया आरोपी:
फरियादी की शिकायत के बाद पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त इंदौर श्री राजेश सहाय के निर्देश पर शिकायत का सत्यापन किया गया, जो सही पाया गया। इसके बाद 21 मई को ट्रैप दल का गठन किया गया। आरोपी संजय वेद को वर्ल्ड कप चौराहा पुल के नीचे बुलाया गया, जहां वह फरियादी से शेष 7,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 के तहत मामला दर्ज:
आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई जारी है। ट्रैप ऑपरेशन का नेतृत्व कार्यवाहक उप पुलिस अधीक्षक श्री आनंद चौहान ने किया। टीम में निरीक्षक श्री राहुल गजभिये, आरक्षक आदित्य सिंह भदौरिया, पवन पटोरिया, आशीष नायडू, कमलेश परिहार, मनीष माथुर, श्री कृष्ण अहिरवार और चालक शेर सिंह ठाकुर शामिल रहे।
लोकायुक्त की इस कार्रवाई से नगर निगम के भीतर व्याप्त भ्रष्टाचार पर बड़ा संदेश गया है, और अन्य मामलों में भी जल्द कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।