क्यों है यह खबर अहम?
पाकिस्तान की सेना में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया है। यह कदम सिर्फ एक सैन्य प्रोमोशन नहीं है, बल्कि भारत के साथ हालिया तनाव के बाद पाकिस्तान की रणनीति और सैन्य नेतृत्व में एक बड़े बदलाव का संकेत है। इससे पहले पाकिस्तान में आखिरी बार 1959 में जनरल अयूब खान को फील्ड मार्शल बनाया गया था।
कौन हैं जनरल असीम मुनीर?
- पद: पाकिस्तान के सेना प्रमुख (Chief of Army Staff)
- कार्यकाल की शुरुआत: नवंबर 2022
- कार्यकाल की समाप्ति (संभावित): नवंबर 2027 (2024 में कार्यकाल बढ़ाया गया)
- पहचान: बेहद रणनीतिक, सशक्त और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली सैन्य अधिकारी
जनरल मुनीर को 2022 में सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था, और उनका कार्यकाल शुरू होने से ठीक तीन दिन पहले वे रिटायर होने वाले थे। लेकिन अब, फील्ड मार्शल के रूप में उनका ओहदा और प्रभाव और भी अधिक हो गया है।
क्या है फील्ड मार्शल का मतलब?
फील्ड मार्शल एक मानद पद है, जो युद्धकाल में असाधारण सैन्य नेतृत्व और रणनीति के लिए दिया जाता है। यह पद किसी भी अन्य सैन्य रैंक से ऊपर होता है और आमतौर पर जीवनपर्यंत रहता है। पाकिस्तान में यह सम्मान 66 वर्षों में पहली बार किसी को मिला है।
क्यों मिली फील्ड मार्शल की उपाधि?
पाकिस्तान सरकार ने असीम मुनीर को यह सम्मान “ऑपरेशन बुनियान-उल-मरसोस” में उनकी भूमिका के लिए दिया है। यह ऑपरेशन भारत द्वारा 7 मई को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में किया गया था।
- ऑपरेशन सिंदूर: भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया जवाबी हमला।
- कारण: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की मौत हुई थी।
- पाकिस्तान का जवाब: 4 दिन तक चली मिसाइल, ड्रोन और तोपों की जवाबी कार्रवाई।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस पदोन्नति को मंजूरी दी गई।
सरकार और राष्ट्रपति का समर्थन
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि—
“जनरल असीम मुनीर ने ‘मारका-ए-हक’ और ‘ऑपरेशन बुनियान-उल-मरसोस’ में देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए साहसिक नेतृत्व दिखाया।”
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी इस पदोन्नति को सही ठहराते हुए कहा कि—
“असीम मुनीर के नेतृत्व में सशस्त्र बलों ने मातृभूमि की रक्षा में सफलता प्राप्त की है। वह इस सम्मान के हकदार हैं।”
असीम मुनीर की प्रतिक्रिया
पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग के मुताबिक, जनरल मुनीर ने यह सम्मान सभी सशस्त्र बलों को समर्पित किया और प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति व कैबिनेट का धन्यवाद किया।
भारत-पाक संबंधों पर असर
इस घटनाक्रम के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव और बढ़ सकता है। हालांकि 10 मई को दोनों देशों के बीच गोलीबारी रोकने और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति बनी, लेकिन जनरल मुनीर को फील्ड मार्शल बनाए जाने से पाकिस्तान की सैन्य ताकत और रुख अधिक आक्रामक हो सकता है।
इस घटनाक्रम का क्या मतलब है?
- पाकिस्तान की सेना का राजनीतिक और रणनीतिक प्रभाव अब और अधिक मजबूत हो सकता है।
- असीम मुनीर का कार्यकाल अब और निर्णायक हो जाएगा।
- भारत के लिए सुरक्षा और रणनीतिक दृष्टि से सतर्कता बनाए रखना जरूरी हो गया है।
निष्कर्ष: क्यों है यह खबर भारत के लिए महत्वपूर्ण?
भारत-पाकिस्तान के बीच चल रही सैन्य तनातनी के बीच जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाना एक कूटनीतिक और सैन्य संकेत है। यह पदोन्नति पाकिस्तान की घरेलू राजनीति, सेना के प्रभाव और भारत के साथ उसके भविष्य के संबंधों पर गहरा असर डाल सकती है। आने वाले समय में इस बदलाव का असर दोनों देशों की नीति और रक्षा तैयारियों में देखने को मिल सकता है।
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