स्थान: इंदौर, थाना पलासिया
तारीख: 13 मई 2025
रिपोर्टर: Chetan Singh: update by: Yoganand shrivastva
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इंट्रोडक्शन: सोशल मीडिया पर चल रहा था नकली नोटों का धंधा
इंदौर पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। पलासिया थाना क्षेत्र में सोशल मीडिया पर नकली नोटों की खरीद-फरोख्त करने वाली गैंग का पर्दाफाश किया गया है। पुलिस ने इस गिरोह से 40 लाख रुपए के नकली नोट और 8 हजार रुपए के असली नोट जब्त किए हैं।
कैसे हुआ खुलासा?
- पलासिया थाना की साइबर डेस्क लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Facebook, Instagram और WhatsApp पर देशविरोधी गतिविधियों पर नजर रख रही थी।
- इसी दौरान एक संदिग्ध विज्ञापन सामने आया जिसमें नकली नोट बेचने की बात की गई थी।
- सूचना मिलते ही एक विशेष टीम का गठन किया गया और पुलिस ने नकली नोट बेचने वालों को ट्रैक करना शुरू किया।
कैसे रची गई गिरफ्तारी की योजना?
- पुलिस ने मोबाइल नंबर और व्हाट्सएप चैट के माध्यम से नकली नोट बेचने वाले से संपर्क किया।
- आरोपी ने 1 लाख के बदले 4 लाख रुपये नकली नोट देने की बात कही।
- तय योजना के अनुसार आरोपी जब डील करने पलासिया थाना क्षेत्र में पहुंचे, तो पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें धर दबोचा।
गिरफ्तार आरोपी
- प्रथमेश येवतकर
- दीपक कौशल
इन दोनों को मौके से गिरफ्तार किया गया।
जब्त माल
- ₹40 लाख मूल्य के नकली नोट (₹500 के नोट की शक्ल में)
- ₹8,000 असली नोट
पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि:
- वे सोशल मीडिया पर “फेसबुक विज्ञापन” के जरिए लोगों से संपर्क करते थे।
- नकली नोट के बंडल में ऊपर और नीचे असली नोट रखते थे ताकि ग्राहक को भरोसा हो जाए।
- इस तरह से ये गिरोह लोगों को ठगने का काम कर रहा था।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
- पुलिस इस गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।
- मोबाइल फोन और चैट हिस्ट्री के आधार पर नेटवर्क की गहराई से जांच की जा रही है।