मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने अनुशासित छवि को धूमिल करने वाले नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। नवीनतम मामला पिच्छोर से बीजेपी विधायक प्रीतम लोधी का है, जिन्हें अपनी ही सरकार और अधिकारियों की सार्वजनिक रूप से अशोभनीय भाषा में आलोचना करने के बाद भोपाल तलब किया गया।
क्या हुआ?
- लोधी ने अपने समर्थकों के साथ पिच्छोर को जिला घोषित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
- इस दौरान उन्होंने राज्य के मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कठोर भाषा का उपयोग किया, जिससे तीखी प्रतिक्रिया हुई।
- बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री मोहन यादव और संगठनात्मक नेता शामिल हैं, ने उन्हें पार्टी अनुशासन तोड़ने के लिए फटकार लगाई।
चेतावनी: “बीजेपी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं”
- वीडी शर्मा ने स्पष्ट किया कि बयानों या कार्यों में अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- लोधी को पार्टी प्रोटोकॉल का पालन करने और सार्वजनिक प्रकोप के बजाय उचित चैनलों के माध्यम से मुद्दे उठाने को कहा गया।
- अपने बचाव में लोधी ने कहा, “मैं अशिक्षित हूँ—अगर पार्टी को लगता है कि मैं गलत हूँ, तो मुझे मार्गदर्शन के लिए किसी शिक्षित व्यक्ति को नियुक्त करें।”
बड़ा परिदृश्य: बीजेपी की जीरो-टॉलरेंस नीति यह कोई अकेली घटना नहीं है। बीजेपी उन नेताओं पर नकेल कस रही है जो पार्टी अनुशासन की अवहेलना करते हैं, खासकर उन लोगों पर जो विवादास्पद टिप्पणियां करके पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। संदेश स्पष्ट है: अनुशासन में रहें या परिणाम भुगतें।