कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एक रैली के दौरान विवादों में घिर गए हैं। बेलगावी में एक सभा के दौरान कुछ बीजेपी समर्थक महिलाओं ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाज़ी की और काले कपड़े लहराए। इससे माहौल बिगड़ गया।
इस हंगामे से नाराज़ सिद्धारमैया ने मंच से पुलिस अधिकारी को बुलाया और बेहद गुस्से में कहा – “कहाँ हैं एसपी? आप क्या कर रहे हैं?” यहाँ तक कि उन्होंने थप्पड़ मारने जैसा इशारा भी किया।
यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं को हिरासत में ले लिया।
युद्ध को लेकर भी उठे सवाल
सिर्फ यही नहीं, कुछ दिन पहले सिद्धारमैया ने मैसूर में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध करने की जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए। उनका कहना था कि हमें युद्ध नहीं, बल्कि शांति की ओर बढ़ना चाहिए और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए।

लेकिन बीजेपी ने उनके इस बयान को लेकर तीखा हमला बोला। विपक्षी नेता आर अशोक ने तो उन्हें “पाकिस्तान रत्न” तक कह डाला और कहा कि पाकिस्तान उन्हें ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ अवार्ड दे देगा।
इसके जवाब में सिद्धारमैया ने सफाई दी कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने कहा —
“मैंने कभी आतंकवाद या पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई का विरोध नहीं किया। मैंने सिर्फ कहा था कि युद्ध अंतिम विकल्प होना चाहिए। युद्ध हर समस्या का समाधान नहीं है। बीजेपी और कुछ मीडिया चैनल मेरे बयान को जानबूझकर गलत तरीके से दिखा रहे हैं।”
निष्कर्ष
तो कुल मिलाकर, एक तरफ जहाँ रैली के दौरान पुलिस व्यवस्था पर गुस्सा फूटा, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के मुद्दे पर उनके बयान ने भी राजनीति में हलचल मचा दी है।
विपक्षी पार्टियाँ इस मौके को भुनाने में जुटी हैं और सिद्धारमैया को राष्ट्रविरोधी साबित करने की कोशिश कर रही हैं, जबकि मुख्यमंत्री का कहना है कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है।