प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), गुरुग्राम ने डाक विभाग में हुए एक बड़े घोटाले के मामले में 34.47 लाख रुपये की संपत्ति को जब्त किया है। यह संपत्ति आरोपी अनशुल मदान और उसके परिवार के सदस्यों की है। अनशुल मदान डाक विभाग में सब पोस्ट मास्टर (अब निलंबित) था।
मामले की पृष्ठभूमि
ईडी ने यह जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। सीबीआई, एसीबी चंडीगढ़ ने अनशुल मदान और अन्य पर धोखाधड़ी, गबन और सरकारी धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। आरोप है कि अनशुल ने डाक विभाग के करीब 5.84 करोड़ रुपये गबन किए।

घोटाले की तरीका
ईडी की जांच में पता चला कि अनशुल मदान ने सब पोस्ट मास्टर के पद पर रहते हुए विभिन्न खातों जैसे KVP, SCSS, TD, MIS और SB में हेराफेरी की। उसने इन खातों का बैलेंस बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया। साथ ही, बंद या निष्क्रिय खातों को फिर से चालू करके उनसे पैसे निकाल लिए।
इस पैसे को उसने नकद निकाल लिया या फिर अपने और परिवार के खातों में ट्रांसफर कर दिया। बाद में इस पैसे को उसने फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में लगा दिया, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ।
जब्त की गई संपत्ति
ईडी ने 34.47 लाख रुपये की संपत्ति को जब्त किया है। इसमें इक्विटी शेयर, बैंक बैलेंस और अनशुल मदान व उसके परिवार से जुड़ी अन्य संपत्तियां शामिल हैं। यह सारा पैसा उसने डाक विभाग के पैसे से ही जमा किया था।
आगे की जारी जांच
अभी इस मामले की और गहराई से जांच चल रही है। ईडी अनशुल मदान और उसके साथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। सरकारी धन की लूट से जुड़े इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।
निष्कर्ष:
यह मामला सरकारी विभागों में हो रहे भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की एक बड़ी घटना है। ईडी और सीबीआई की कार्रवाई से साबित होता है कि ऐसे अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। आगे की जांच से और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।