BY: Yoganand Shrivastva
भारतीय सेना द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की। इस बैठक का उद्देश्य देश की सुरक्षा और सैन्य कार्रवाई से संबंधित प्रमुख जानकारी विपक्ष के साथ साझा करना था।
पहलगाम हमले के जवाब में हुआ ऑपरेशन
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, के बाद भारत ने कड़ा जवाब देते हुए पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। इन हमलों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है।
बैठक में शामिल हुए कई प्रमुख नेता
इस अहम बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। सरकार की ओर से इसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह, एस. जयशंकर, जे. पी. नड्डा और निर्मला सीतारमण भी मौजूद थे। विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे, तृणमूल कांग्रेस से सुदीप बंद्योपाध्याय, द्रमुक से टी. आर. बालू और अन्य प्रमुख दलों के वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
विपक्षी दलों की व्यापक भागीदारी
बैठक में विपक्षी दलों से समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, आम आदमी पार्टी से संजय सिंह, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत, एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले, सीपीएम के जॉन ब्रिटास, बीजद से सस्मित पात्रा, जद (यू) के संजय झा, लोजपा (रामविलास) से चिराग पासवान और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं ने भी भाग लिया।
रिजिजू ने दी कार्रवाई की विस्तृत जानकारी
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि सरकार सभी राजनीतिक दलों को इस सैन्य अभियान की जानकारी देना चाहती है ताकि एकजुट होकर देश की सुरक्षा के मुद्दे पर काम किया जा सके। उन्होंने बताया कि हमलों में जैश-ए-मोहम्मद का अड्डा बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना मुरीदके प्रमुख निशाने पर थे।
इससे पहले भी हुई थी एक बैठक
पहलगाम हमले के तुरंत बाद 24 अप्रैल को भी एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें सरकार ने हमले की पृष्ठभूमि और प्रारंभिक कार्रवाई की जानकारी विपक्ष को दी थी।