अयोध्या में रामलाल के जन्म की भव्य तैयारी
संवाददाता: अंकुर पांडेय अयोध्या
- भय प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौशल्या हितकारी…”
आज अयोध्या नगरी में यह पंक्ति केवल शब्द नहीं, बल्कि श्रद्धा और भक्ति का जीवंत दृश्य बन गई है। रामनवमी का पावन अवसर और वह भी भगवान राम के जन्मस्थान अयोध्या में — भव्यता, आस्था और भावनाओं का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। पूरा शहर जैसे स्वर्ग का दृश्य प्रस्तुत कर रहा हो। अयोध्या की गलियां, चौराहे, मठ-मंदिर और विशेष रूप से राम जन्मभूमि परिसर को फूलों से सजाया गया है। मंदिर के मुख्य द्वार पर फूलों की कलाकृतियाँ देखते ही बनती हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा गया है। नंगे पांव दर्शन को आ रहे भक्तों के लिए सड़कों पर कारपेट बिछाए गए हैं। नगर निगम की टीम पूरी मुस्तैदी के साथ व्यवस्थाओं को संभाल रही है। साफ-सफाई, सुरक्षा, जल आपूर्ति और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था पहले से दुरुस्त की गई है।
रामलाल के जन्म से पहले, अयोध्या के प्रमुख मठों और मंदिरों से भगवान की शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में भक्ति संगीत, झांकियां और श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक रहा। जैसे ही घड़ी में दोपहर के 12 बजे जाए गए — प्रभु श्रीराम के जन्म का पावन समय आएगा मंदिर परिसर ‘जय श्रीराम’ के नारों से गूंज उठा। गा विशेष बात यह रही कि इस बार - राम मंदिर में वैज्ञानिक पद्धति से भगवान श्रीराम का सूर्य तिलक किया गया। सूर्य की किरणें प्रभु के मस्तक पर सीधे पड़ें, इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। यह दृश्य इतना दिव्य था कि हर श्रद्धालु भावविभोर हो उठा इसके पहले प्रभु का अभिषेक होगा, उन्हें नवीन वस्त्र पहनाए जाए गए और आरती की जाएगी। अयोध्या के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में भी राम जन्मोत्सव की धूम मची है — हर गली से भजन-कीर्तन की आवाजें आ रही हैं, बधाइयों का सिलसिला जारी है। आज की अयोध्या केवल एक नगर नहीं, बल्कि भक्तिरस में डूबी एक जीवंत श्रद्धा की नगरी बन चुकी है।