मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता का विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है, और हमें इसे हर हाल में बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जवाबदेह शासन व्यवस्था स्थापित की गई है, जिसका लक्ष्य है हर व्यक्ति तक विकास और कल्याण की किरण पहुंचाना। मुख्यमंत्री मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के शुभारंभ अवसर पर अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शासन की योजनाओं का उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना है। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारी मिशन मोड में काम करें और योजनाओं को शीघ्रता व पारदर्शिता के साथ लागू करें। उन्होंने कहा कि जनता में जो विश्वास पैदा हुआ है, वही राज्य की सबसे बड़ी पूंजी है, और यह भरोसा ही सुशासन की नींव है।
जवाबदेह शासन व्यवस्था और गुड गवर्नेंस पर जोर

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार ने एक ऐसी व्यवस्था बनाई है जिसमें जवाबदेही सर्वोपरि है। अधिकारी अपनी लगन, क्षमता और समर्पण से जनता तक योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि सुशासन से ही महान परिणाम मिलते हैं गुड गवर्नेंस से ग्रेट रिजल्ट।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेज़ी से विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। हमें ‘परफॉर्म, रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के मंत्र को आत्मसात करते हुए ‘विकसित और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ के निर्माण में जुटना है।
किसानों, शिक्षा और नवाचार पर विशेष ध्यान
डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश कृषि के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। दाल, मसाले और टमाटर उत्पादन में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है, जबकि गेहूं और मक्का उत्पादन में दूसरा स्थान है। सरकार अब दुग्ध उत्पादन में भी प्रदेश को ‘मिल्क कैपिटल’ बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।
शिक्षा के क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण, रोजगारोन्मुख और मूल्य आधारित शिक्षा देना प्राथमिकता है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे फील्ड में जाकर जनता से संवाद बढ़ाएं, जनसुनवाई को और प्रभावी बनाएं तथा सोशल मीडिया के माध्यम से जनहितकारी कार्यों का प्रचार-प्रसार करें।
सिंहस्थ 2028 को लेकर निर्देश

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 मध्यप्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक सम्पन्नता को विश्व मंच पर प्रस्तुत करने का बड़ा अवसर है। उन्होंने सभी जिलों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्रों के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के सौंदर्यीकरण और विकास पर विशेष ध्यान दें। सिंहस्थ से पहले सभी परियोजनाएं पूर्ण कर ली जाएं, जिससे प्रदेश की छवि और अर्थव्यवस्था दोनों सशक्त हों।
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने बताया कि विकसित मध्यप्रदेश @2047 विज़न डॉक्यूमेंट प्रधानमंत्री के विज़न से प्रेरित है, और इसका उद्देश्य सम्पन्न, सुखद और सांस्कृतिक मध्यप्रदेश का निर्माण है। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकताओं पर फील्ड अधिकारियों को मिलजुलकर काम करना होगा ताकि जनता को सीधे लाभ मिले।