नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 14,000 करोड़ रुपये के घोटाले में मुख्य आरोपी फरार हीरे के व्यापारी मेहुल चोकसी को भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर शनिवार को बेल्जियम की अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया।
चोकसी की गिरफ्तारी मुंबई की एक अदालत द्वारा जारी दो गैर-जमानती वारंट (23 मई 2018 और 15 जून 2021) के आधार पर की गई है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय अधिकारियों ने बेल्जियम को चोकसी के खिलाफ प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध किया था। उस समय वह स्विट्जरलैंड के एक कैंसर अस्पताल में इलाज कराने की योजना बना रहा था।
क्या है पीएनबी घोटाला?
2018 में, मेहुल चोकसी, उनके भतीजे निरव मोदी, उनके परिवार के सदस्यों, कर्मचारियों और कुछ बैंक अधिकारियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मुंबई के पीएनबी के ब्रैंडी हाउस ब्रांच में हुए इस बड़े घोटाले के संबंध में केस दर्ज किया था।

एजेंसियों के अनुसार, चोकसी और उनकी कंपनी गीतांजली जेम्स ने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) और विदेशी लेटर ऑफ क्रेडिट (FLC) धोखाधड़ी से प्राप्त किए। इससे बैंक को भारी नुकसान हुआ।
चोकसी का फरारी का सफर
चोकसी भारत से फरार होकर पहले अंटीगुआ चला गया था, जहां उसने नागरिकता हासिल कर ली। उसके बाद वह डोमिनिका पहुंचा, जहां से उसे भारत लाने की कोशिशें की गईं, लेकिन वह फरार रहा। अब बेल्जियम में उसकी गिरफ्तारी से भारत सरकार को उसे वापस लाने में मदद मिल सकती है।
आगे की कार्रवाई
भारत सरकार बेल्जियम के साथ मिलकर चोकसी के प्रत्यर्पण की कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने की कोशिश करेगी। अगर वह स्विट्जरलैंड जाने में कामयाब हो जाता, तो उसे वापस लाना और मुश्किल हो जाता।
इस मामले में CBI और ED लगातार जांच कर रही हैं और चोकसी की संपत्तियों को जब्त करने के साथ-साथ उसे देश वापस लाने की कोशिशें जारी हैं।
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