मुख्य बिंदु:
- पाकिस्तान वायु सेना (PAF) ने चीन के उन्नत PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइलों को अपने नए JF-17 ब्लॉक III लड़ाकू विमानों पर तैनात किया है
- ये मिसाइल चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) से सीधे प्राप्त की गई हैं, न कि निर्यात संस्करण PL-15E
- यह विकास ऐसे समय में आया है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव चरम पर है
PL-15 मिसाइल क्या है?
PL-15 चीन की आधुनिक हवाई लड़ाई रणनीति का एक प्रमुख हथियार है। यह एक सक्रिय रडार-निर्देशित, लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 200-300 किमी तक है। इसकी खासियतें हैं:
- दोहरी पल्स सॉलिड रॉकेट मोटर: जो इसे अधिक गति और दूरी तय करने की क्षमता देती है
- AESA रडार: जो इसे अधिक सटीक टार्गेटिंग की सुविधा देता है
- मैक 5 से अधिक की गति: यानी ध्वनि की गति से पांच गुना तेज
पहलगाम हमले के बाद का घटनाक्रम
26 लोगों (ज्यादातर पर्यटकों) की मौत के साथ पहलगाम हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद का सबसे भीषण आतंकी हमला था। इसके बाद:
- भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंध घटाए
- सिंधु जल संधि को निलंबित किया
- अटारी सीमा चौकी बंद की
- पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को निष्कासित किया

पाकिस्तान ने जवाब में:
- शिमला समझौते को फ्रीज किया
- भारतीय उड़ानों के लिए अपना वायुसीमा बंद किया
- सभी व्यापारिक गतिविधियाँ रोक दीं
- पानी की आपूर्ति में कटौती को “युद्ध की कार्रवाई” बताया
विश्लेषण: क्या यह वास्तव में एस्केलेशन है?
पाकिस्तान द्वारा PL-15 मिसाइलों की तैनाती एक स्पष्ट संकेत है कि वह अपनी वायु सुरक्षा को मजबूत कर रहा है। लेकिन क्या यह भारत के खिलाफ सीधी कार्रवाई की तैयारी है? कुछ बातें ध्यान देने योग्य:
- चीन की भूमिका: PLAAF से सीधे मिसाइलों की आपूर्ति दर्शाती है कि चीन इस तनाव में पाकिस्तान का साथ दे रहा है
- रणनीतिक लाभ: PL-15 की लंबी रेंज पाकिस्तानी पायलटों को भारतीय विमानों को दूर से ही निशाना बनाने की क्षमता देती है
- समय की संवेदनशीलता: यह तैनाती पहलगाम हमले के ठीक बाद की गई है, जो इसे और भी संदिग्ध बनाती है
निष्कर्ष:
यह स्थिति 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद के तनाव जैसी ही दिखती है, जब दोनों देशों के बीच हवाई मुठभेड़ हुई थी। अंतर सिर्फ इतना है कि इस बार पाकिस्तान के पास अधिक उन्नत हथियार हैं। परंतु याद रखें – कोई भी हथियार उस हौसले को नहीं हरा सकता जो पुलवामा या पहलगाम जैसे हमलों के बाद भारतीय सैनिकों में होता है। सवाल यह नहीं कि पाकिस्तान के पास क्या हथियार हैं, सवाल यह है कि क्या वह भारत की प्रतिक्रिया का सामना करने को तैयार है?