सुपरहिट फिल्म Ponniyin Selvan 2 के चर्चित गाने Veera Raja Veera को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। मशहूर संगीतकार ए.आर. रहमान और फिल्म के प्रोड्यूसर्स पर दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह फैसला Junior Dagar Brothers के क्लासिकल कंपोजिशन Shiv Stuti के कॉपीराइट उल्लंघन के आरोपों के बाद सुनाया है।
क्या है पूरा मामला?
साल 2023 में, प्रख्यात शास्त्रीय गायक उस्ताद फैयाज वासिफुद्दीन डागर ने कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि Veera Raja Veera गाना, Junior Dagar Brothers द्वारा गाए गए Shiv Stuti से हूबहू मेल खाता है। गाने के बोल अलग जरूर हैं, लेकिन ताल, बीट और संगीत संरचना (musical structure) बिल्कुल एक जैसी है।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा,
“सिर्फ एक श्रोता के तौर पर भी अगर सुना जाए, तो ये साफ दिखता है कि Veera Raja Veera, Shiv Stuti से न केवल प्रेरित है, बल्कि लगभग identical है।”
कोर्ट ने क्या आदेश दिया?
- ₹2 करोड़ रुपये की राशि कोर्ट में जमा करनी होगी।
- यह पैसा एक Fixed Deposit में रखा जाएगा, जो मुकदमे के अंतिम नतीजे पर निर्भर करेगा।
- इसके अलावा, फिल्म के सभी OTT और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर Junior Dagar Brothers को विशेष क्रेडिट देना अनिवार्य कर दिया गया है।
- डागर परिवार को भी ₹2 लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी।
बचाव में क्या कहा रहमान की टीम ने?
रहमान के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि Shiv Stuti एक पारंपरिक ध्रुपद शैली (Dhrupad Genre) का हिस्सा है, जो Public Domain में आती है। उनका कहना था कि इस शैली में ओरिजिनल क्रिएशन जैसा कुछ नहीं है, इसलिए इस पर कॉपीराइट लागू नहीं होता।
लेकिन कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया और कहा कि मौजूदा गाने में सिर्फ लिरिक्स बदले गए हैं, लेकिन मूल धुन वही है, जिससे कॉपीराइट का उल्लंघन साबित होता है।
Veera Raja Veera विवाद: क्यों बना बड़ा मुद्दा?
Veera Raja Veera गाना रिलीज होते ही सोशल मीडिया और म्यूजिक प्लेटफॉर्म्स पर काफी लोकप्रिय हो गया था। लेकिन अब इस कॉपीराइट विवाद के चलते रहमान और मेकर्स को कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
यह मामला एक बड़ा उदाहरण बन गया है कि कैसे आज भी पारंपरिक संगीत और सांस्कृतिक धरोहरों को सही सम्मान और कानूनी सुरक्षा देना जरूरी है।
निष्कर्ष
इस केस ने एक बार फिर दिखाया है कि चाहे कितनी भी बड़ी हस्ती क्यों न हो, कॉपीराइट कानून के तहत हर किसी को जवाबदेह होना पड़ता है। आने वाले समय में, इस तरह के मामलों से संगीत इंडस्ट्री में ओरिजिनलिटी और क्रेडिट देने की प्रवृत्ति को मजबूती मिल सकती है।