रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन हालात शांत होने के बजाय और बिगड़ते नजर आ रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, रूस ने अभी तक का सबसे बड़ा एयर अटैक यूक्रेन पर कर दिया है। यह हमला न सिर्फ स्केल में बड़ा था, बल्कि इसके पीछे की रणनीति भी साफ नजर आती है कि रूस अपनी सैन्य ताकत और मनोवैज्ञानिक दबाव दोनों दिखाना चाहता है।
इस आर्टिकल में हम जानेंगे:
- रूस का यह हमला कब और कैसे हुआ?
- यूक्रेन को कितना नुकसान पहुंचा?
- F-16 पायलट की बहादुरी की पूरी कहानी
- वेस्टर्न देशों की प्रतिक्रिया
- आगे युद्ध में क्या बड़ा मोड़ आ सकता है?
रूस का समन्वित हवाई हमला: 537 एरियल वेपन्स का इस्तेमाल
28 और 29 जून की दरम्यानी रात करीब 4 बजे रूस ने यूक्रेन पर एक समन्वित हवाई हमला किया। इसमें रिकॉर्ड 537 एरियल हथियारों का इस्तेमाल हुआ, जिनमें शामिल थे:
- 477 ड्रोन
- 60 मिसाइल्स, जिनमें क्रूज, कैलिबर, बैलेस्टिक और किंजल हाइपरसोनिक मिसाइल्स शामिल हैं।
यह युद्ध के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा एकसाथ किया गया एयर अटैक बताया जा रहा है।
हमले का मकसद: यूक्रेन की एयर डिफेंस को कमजोर करना
रूस का मुख्य उद्देश्य था:
✔ यूक्रेन के एयर डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर को कमजोर करना
✔ सैन्य एयरफील्ड्स, खासतौर पर F-16 फाइटर जेट्स को निशाना बनाना
✔ एनर्जी फैसिलिटीज और सिविलियन एरियाज में दहशत फैलाना
रूस जानता है कि अगर यूक्रेन की एयर डिफेंस कमजोर हो गई, तो भविष्य में बड़े हमले करना और आसान हो जाएगा।
कितना नुकसान हुआ? जानिए ग्राउंड रिपोर्ट
- अब तक 9 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है।
- कई लोग घायल हैं, खासतौर पर डिनिप्रो और लिविव जैसे इलाकों में।
- बिजली की सप्लाई बाधित हुई, रेलवे लाइंस, इलेक्ट्रिकल सबस्टेशन और हाईराइज बिल्डिंग्स को नुकसान पहुंचा।
- राजधानी कीव पर भी हमला हुआ, लेकिन वहां यूक्रेन की डिफेंस ने काफी हद तक हमलों को नाकाम किया।
F-16 पायलट मैक्सिम उस्तमको की बहादुरी
इस हमले में यूक्रेन का एक F-16 फाइटर जेट क्रैश हो गया।
पायलट थे: लेफ्टिनेंट कर्नल मैक्सिम उस्तमको, उम्र 32 साल।
वे यूक्रेन के पहले जनरेशन के F-16 पायलट्स में शामिल थे, जिन्हें नेटो देशों ने ट्रेन किया था।
क्या हुआ?
- उस्तमको ने हमले से पहले 7 हवाई टारगेट्स को मार गिराया।
- 4 रूसी ड्रोन और 3 क्रूज मिसाइल्स उन्होंने नष्ट किए।
- बाद में उनका जेट क्रैश हो गया, माना जा रहा है कि सीट इजेक्शन सिस्टम फेल हुआ।
- पायलट ने जान की परवाह न करते हुए जेट को पॉपुलेटेड एरिया से बाहर ले जाकर क्रैश कराया ताकि जमीन पर लोग सुरक्षित रहें।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने उन्हें ‘राष्ट्रीय हीरो’ करार दिया।
F-16 जेट्स का रोल और यूक्रेन की तैयारी
यूक्रेन को साल 2025 की शुरुआत में अमेरिका से F-16 जेट्स मिले।
पायलट्स को डेनमार्क, नीदरलैंड्स, रोमानिया, यूके और यूएस में ट्रेनिंग दी गई।
इन जेट्स का मुख्य उद्देश्य:
✔ एयर सुपरियोरिटी स्थापित करना
✔ रूस के ड्रोन और मिसाइल्स को इंटरसेप्ट करना
✔ पश्चिमी देशों द्वारा सप्लाई किए गए एडवांस म्यूनिशन का इस्तेमाल करना
यूक्रेन की एयर डिफेंस ने कितना किया काउंटर?
यूक्रेन का दावा है:
- 249 ड्रोन को मार गिराया गया
- 226 मिसाइल्स को इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग से मिसडायरेक्ट किया गया
लेकिन रूसी हमले की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि कई मिसाइल्स टारगेट पर हिट कर गईं और व्यापक नुकसान हुआ।
रूस का टाइमिंग क्यों खास है?
रूस ने यह हमला एक रणनीतिक समय पर किया:
- यूक्रेन के सीक्रेट ऑपरेशन का जवाब
- यूक्रेन के F-16s के फुल डिप्लॉयमेंट से पहले दबाव बनाना
- पश्चिमी देशों को चेतावनी देना कि ज्यादा हस्तक्षेप न करें
- घरेलू स्तर पर रूस की सैन्य ताकत का प्रदर्शन करना
पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया
- अमेरिका ने हमले की निंदा की, और ज्यादा एयर डिफेंस एड का वादा किया।
- जर्मनी और नीदरलैंड्स पेट्रियट मिसाइल्स की अतिरिक्त सप्लाई देंगे।
- यूरोपीय यूनियन ने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की आपात बैठक बुलाने की मांग की।
- यूक्रेन ने और अधिक सैन्य मदद और प्रतिबंधों की मांग की।
युद्ध का अगला मोड़: क्या होगा आगे?
यह हमला युद्ध में बड़ा टर्निंग पॉइंट बन सकता है:
- एयर डोमिनेंस की होड़ तेज होगी।
- यूक्रेन पूरी तरह वेस्टर्न सपोर्ट पर डिपेंडेंट होता जा रहा है।
- रूस पश्चिमी देशों की प्रतिबद्धता को टेस्ट कर रहा है।
- ह्यूमैनिटेरियन संकट गहरा सकता है, रेफ्यूजी का दबाव बढ़ेगा।
- इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर का रोल और अहम होगा।
निष्कर्ष: युद्ध खत्म होने से दूर, खतरा बढ़ता जा रहा है
रूस का यह अभूतपूर्व हमला बताता है कि:
- युद्ध जल्द खत्म होने की संभावना नहीं है।
- यूक्रेन की सुरक्षा अब और ज्यादा एडवांस, लॉन्ग टर्म एयर डिफेंस सिस्टम पर निर्भर है।
- रूस आक्रामक मोड में है, जबकि यूक्रेन अपने एयर स्ट्रैटेजी को मजबूती देने की कोशिश कर रहा है।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि वेस्टर्न देशों की नीति क्या रहती है और युद्ध किस दिशा में आगे बढ़ता है।