BY: Yoganand Shrivastva
मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक प्रॉपर्टी डीलर ने अपने दुश्मनों को फंसाने के लिए एक खतरनाक योजना बनाई। पुलिस जांच में सामने आया कि उक्त व्यक्ति ने अपने परिचितों से खुद पर गोली चलवाकर एक झूठी हत्या की साजिश का नाटक रचा।
18 घंटे में हुआ पुलिस खुलासा
घटना ग्वालियर के पड़ाव क्षेत्र स्थित मरी माता महलगांव की है। पुलिस को जानकारी मिली थी कि एक प्रॉपर्टी डीलर बंटी कुशवाह को बाइक सवार हमलावरों ने गोली मार दी है। शुरुआत में यह एक सामान्य हमले का मामला लग रहा था, लेकिन पुलिस जांच ने सारी सच्चाई सामने ला दी। केवल 18 घंटे में इस फर्जी हमले की पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया गया और तीन लोगों को हिरासत में ले लिया गया।
फर्जी कहानी के पीछे की असलियत
सीएसपी रोबिन जैन ने बताया कि घायल बंटी कुशवाह ने अपनी शिकायत में देवेंद्र कुशवाह, बृजमोहन और छोटू कुशवाह पर हमला करवाने का आरोप लगाया था। इस आधार पर पुलिस ने तत्काल जांच टीम गठित की, लेकिन सीसीटीवी फुटेज से एक अलग ही कहानी सामने आई।
जांच के दौरान घायल बंटी कुछ संदिग्ध युवकों के साथ घटना से पहले इंदरगंज और फूलबाग क्षेत्र में घूमता हुआ देखा गया। जब फुटेज में बंटी उन्हीं बाइक सवारों के साथ नजर आया, तो पुलिस को शक हुआ और उसने संदिग्ध युवकों को हिरासत में ले लिया।
पूछताछ में हुआ सच का खुलासा
पुलिस ने जब फुटेज के आधार पर मनीष वर्मा, अमर कुरेसिया, और आकाश कुशवाह से सख्ती से पूछताछ की, तो उन्होंने कबूल किया कि यह हमला फर्जी था। दरअसल, बंटी ने अपने दुश्मनों को फंसाने की योजना बनाई थी और इसी के तहत उसने खुद पर गोली चलवाने का नाटक रचा।
मनीष और अमर ने बंटी के कहने पर उसके कंधे पर गोली चलाई थी। आकाश ने उन्हें इस कार्य के लिए पिस्टल उपलब्ध कराई थी। इसके बाद सभी ने मिलकर घटना को वास्तविक बनाने के लिए भागने की एक्टिंग की।
प्रॉपर्टी विवाद निकला कारण
पुलिस के मुताबिक, इस पूरे घटनाक्रम की जड़ एक पुराना प्रॉपर्टी विवाद था। बंटी अपने विरोधियों को सबक सिखाने और फंसाने की नीयत से यह साजिश रची थी। फिलहाल घायल बंटी अस्पताल में भर्ती है, और तीनों आरोपी पुलिस हिरासत में हैं।
पुलिस की सक्रियता से उजागर हुआ बड़ा झूठ
यह मामला न केवल धोखाधड़ी का है बल्कि यह दर्शाता है कि व्यक्तिगत दुश्मनी में लोग किस हद तक जा सकते हैं। ग्वालियर पुलिस की तत्परता और तकनीकी साक्ष्यों की मदद से एक झूठे आरोप की साजिश समय रहते उजागर हो गई, जिससे निर्दोष लोगों को फंसने से बचा लिया गया।