BY: VIJAY NANDAN
हर साल मई का दूसरा रविवार मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है। यह दिन दुनिया की उन सभी माताओं को समर्पित होता है, जो न केवल हमें जन्म देती हैं, बल्कि जीवन के हर मोड़ पर हमें संवारती हैं, संभालती हैं और बिना किसी अपेक्षा के अपना संपूर्ण जीवन हमें दे देती हैं। इस खास मौके पर हम माँ के उस अव्यक्त प्रेम, त्याग और ममत्व को नमन करते हैं, जो हमारे जीवन की नींव है।
माँ – सिर्फ एक शब्द नहीं, पूरा संसार है
हम सभी के जीवन में माँ की भूमिका अनमोल होती है। जब हम बोलना नहीं जानते थे, माँ हमारी हर भावना को समझ जाती थी। जब हम गिरते थे, माँ सबसे पहले दौड़ती थी। जब हम थकते थे, माँ अपनी गोद बिछा देती थी। माँ का प्रेम न मापा जा सकता है, न ही उसकी तुलना किसी से की जा सकती है।

बदलते दौर में माँ की बदलती भूमिका
आज की माँ केवल घर की चौखट तक सीमित नहीं है। वह अब ऑफिस भी जाती है, बिजनेस संभालती है, तकनीक से जुड़ी है, और फिर भी परिवार का हर सदस्य उसकी प्राथमिकता बना रहता है। वह अपनी दोहरी भूमिका बखूबी निभा रही है — एक परंपरागत माँ की और एक आधुनिक स्त्री की।
मदर्स डे क्यों जरूरी है?
भले ही माँ के लिए हर दिन खास होता है, लेकिन इस एक दिन को खासतौर पर इसलिए मनाया जाता है ताकि हम रुक कर माँ को ‘धन्यवाद’ कह सकें। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें अपनी माँ के साथ समय बिताना चाहिए, उन्हें सराहना चाहिए, और उनके योगदान को पहचानना चाहिए।
इस मदर्स डे पर क्या करें?
- माँ के लिए एक भावनात्मक पत्र लिखें
- उनके साथ समय बिताएं – चाहे फोन कॉल ही क्यों न हो
- कोई छोटा-सा तोहफा या सरप्राइज प्लान करें
- सोशल मीडिया पर उनके लिए एक पोस्ट लिखें, लेकिन साथ में निजी तौर पर भी उन्हें धन्यवाद कहें.
माँ के बिना जीवन अधूरा है। उनका प्रेम हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। मदर्स डे महज़ एक दिन नहीं, बल्कि एक भाव है – माँ के बिना कहे त्याग, उसकी ममता और उसके अस्तित्व को सम्मान देने का दिन। इस मदर्स डे पर अपनी माँ को गले लगाइए, उन्हें बताइए कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं, क्योंकि वो हर दिन आपके लिए जीती हैं।