संभल हिंसा को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा कि यह सोची समझी साजिश है। संभल में हिन्दू-मुस्लिम हमेशा से भाईचारे के साथ रहते आए है। यह चुनावी साजिश का हिस्सा है इसका मकसद यूपी में होने वाले उपचुनाव से ध्यान भटकाना है। संदन मेें अखिलेश ने कहा कि संभल में हिन्दू और मुसलमान हमेशा से भाईचारे के साथ रहते आए है लेकिन अब साजिशन माहौल बिगाड़ने की तैयारी की है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन भी हिंसा बढ़ाने में शामिल है। बता दें कि संभल में जामा मस्जिद के सर्वें के दौरान हुए हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई थी। संभल हिंसा को लेकर विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाए, वहीं अब सपा प्रमुख भी संभल हिंसा मामले पर संसद में बोले।
पुलिस अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए
संसद में अखिलेश यादव ने कहा कि संभल हिंसा में जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाए और उनके उपर हत्या का मामला दर्ज किया जाए। अखिलेश यादव ने यहां तक आरोप लगाया कि कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बिना ही सर्वे का आदेश दे दिया। जब पहली बार 22 नवम्बर को टीम सर्वें करने पहुंची थी और नमाजियों को नमाज नहीं करने दी तब भी कोई बवाल नहीं हुआ लेकिन जब 24 नवम्बर को टीम दोबारा सर्वे करने पहुंची तब बवाल हुआ। अखिलेश ने कहा कि अगर पुलिस गोली नहीं चलाती तो हिंसा नहीं होती।
पुलिस के गोली चलाने से भड़की हिंसा
अखिलेश ने सदन में कहा कि जब कोर्ट के आदेश पर टीम सर्वें करने पहुंची तो उपद्रवियों ने सिर्फ पत्थर फेंके थे। जबाव में पुलिस ने उन पर फायरिंग कर दी जिसकी वजह से हिंसा भड़की और 5 लोगो की मौत हो गई। अखिलेश ने कहा कि हिंसा भड़काने में पुलिस का अहम रोल रहा है इसलिए जिम्मेदार अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।