BY: Yoganand Shrivastva
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच एक नई चिंता सामने आई है—तुर्की द्वारा पाकिस्तान को सैन्य समर्थन। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान जिन ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है, वे तुर्की निर्मित हैं। इस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं। AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मसले पर तुर्की को आड़े हाथों लिया और तीखा बयान जारी किया।
“तुर्की पाकिस्तान को समर्थन न दे” – ओवैसी की दो टूक अपील
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तुर्की को पाकिस्तान का समर्थन नहीं करना चाहिए, खासकर ऐसे समय में जब भारत ने केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया है, न कि किसी सैन्य या नागरिक प्रतिष्ठान को। ओवैसी ने कहा,
“अगर पाकिस्तान युद्ध चाहता है, तो उसकी जिम्मेदारी उसी की होगी। कोई भी राष्ट्र ऐसे हालात में चुप नहीं बैठेगा।”
उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए कहा:
“क्या आप सिर्फ इसलिए पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि वह मुस्लिम देश है? याद रखिए, भारत में पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमान रहते हैं।”
पिछले उदाहरणों को भी याद दिलाया
ओवैसी ने तुर्की की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि तुर्की ने पहले इराक और सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप किया था, कुर्द नेताओं को जेल में डाला और वहां की स्थिति को और बिगाड़ा। उन्होंने कहा,
“आप किस इस्लामी नैतिकता की बात कर रहे हैं? जब खुद आपने मुस्लिम देशों में बमबारी की है।”
“प्रचार और झूठ के सहारे जंग नहीं लड़ी जाती”
ओवैसी ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान के पास भारत से युद्ध लड़ने का कोई ठोस आधार नहीं है।
“वे सिर्फ झूठे वीडियो और फर्जी खबरें दिखा रहे हैं। उनका मकसद केवल भ्रम फैलाना है। 26/11 जैसे आतंकी हमलों के पुख्ता सबूत होने के बावजूद किसी ने कार्यवाई नहीं की।”
उन्होंने आगे कहा,
“ना तो इससे पाकिस्तान की गरीबी खत्म होगी और ना ही उनका वैचारिक खोखलापन। भारत से लड़ने के लिए सिर्फ नफरत नहीं, हकीकत और सामर्थ्य की ज़रूरत होती है।”