भोपाल के बड़े तालाब पर सेना की अगुवाई में बाढ़ बचाव अभ्यास: NDRF और SDRF की शानदार समन्वित रेस्क्यू डेमो

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BY: Yoganand Shrivastva

भोपाल के बड़े तालाब के किनारे स्थित 3 EME ट्रेनिंग सेंटर, खानूगांव में शुक्रवार को एक संयुक्त बाढ़ राहत और रेस्क्यू अभ्यास का आयोजन हुआ। इस मॉक ड्रिल की अगुवाई भारतीय सेना ने की, जिसमें NDRF, SDRF और गृह विभाग की टीमें भी शामिल रहीं। सुबह 10:45 बजे शुरू हुए इस आयोजन में आपदा की स्थिति में होने वाली राहत कार्रवाइयों को जमीनी स्तर पर प्रदर्शित किया गया।


SDRF की बोट रेस्क्यू एक्सरसाइज़ ने दिखाया अनुशासित तालमेल

ड्रिल के पहले चरण में SDRF की टीम ने बाढ़ जैसे हालात का सजीव अभ्यास किया। उन्होंने एक स्क्रिप्टेड स्थिति के तहत डूबते हुए व्यक्ति को बचाने के लिए बोट के जरिए तालाब में उतरकर उसे सुरक्षित बाहर निकाला।
इस दौरान टीम ने यह भी दिखाया कि कैसे वॉयरलेस कम्युनिकेशन और फील्ड कॉल्स की मदद से एक्शन प्लान को समन्वित तरीके से अंजाम दिया जाता है।


NDRF डाइवर्स का लाइव डीप वॉटर रेस्क्यू बना आकर्षण का केंद्र

डेमो का सबसे चुनौतीपूर्ण और रोमांचक हिस्सा रहा NDRF के गोताखोरों का लाइव रेस्क्यू। इस सीन में यह प्रदर्शित किया गया कि गहरे पानी में कोई व्यक्ति डूब जाए तो कैसे ट्रेन्ड डाइवर्स तुरंत कार्रवाई करते हैं।
एक व्यक्ति को पानी में डाइव लगाकर ढूंढा गया और बाहर लाकर सुरक्षित किया गया, जिससे दर्शकों को असल आपदा स्थिति की झलक मिली।


रेस्क्यू बोट्स की विविधता भी रही ड्रिल का हिस्सा

अभ्यास के दौरान रिलीफ बोट, सेफ्टी बोट और रेस्क्यू बोट जैसी विभिन्न प्रकार की नावों का उपयोग कर यह समझाया गया कि आपदा के भिन्न हालात में कौन-सी बोट सबसे उपयुक्त होती है।
एक विशेष प्रदर्शन में SDRF, NDRF और सेना के जवानों ने मिलकर तालाब के बीच से एक युवक को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया।


संचार प्रणाली और इंटर-एजेंसी कोऑर्डिनेशन का भी हुआ प्रदर्शन

अभ्यास में न केवल राहत कार्य बल्कि टीमों के बीच कम्युनिकेशन प्रणाली को भी दर्शाया गया। इसमें यह बताया गया कि संकट की घड़ी में किस तरह मोबाइल कॉल, वॉयरलेस और हाथ के सिग्नल्स के जरिए टीमों के बीच रियल-टाइम संवाद और निर्णय लिए जाते हैं।


भोपाल को मिला भरोसा: ‘हम तैयार हैं’

इस संयुक्त अभ्यास के जरिए भोपालवासियों को यह संदेश देने की कोशिश की गई कि चाहे कोई भी आपदा हो, सेना और बचाव एजेंसियां उससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार और संगठित हैं।
सभी एजेंसियों ने आपसी समन्वय, अनुशासन और तत्परता का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर जनता को भरोसा दिलाया कि किसी भी आपातकाल में वे अकेले नहीं हैं।

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