मिडिल ईस्ट में एक बार फिर हालात तनावपूर्ण हो चुके हैं। अमेरिका द्वारा ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर हमले के बाद, ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए क़तर में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह टकराव बड़े युद्ध की ओर इशारा कर रहा है या दोनों देश सिर्फ सख्त संदेश देना चाहते हैं।
ईरान ने दी थी खुली चेतावनी
ईरान के सुप्रीम लीडर ने अमेरिका पर हुए हमले के बाद स्पष्ट कहा था कि “दुश्मन को सजा मिलेगी।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि जो भी देश अमेरिका को सपोर्ट करेगा, वो भी ईरान का दुश्मन समझा जाएगा।
खासकर मिडिल ईस्ट में मौजूद अमेरिकी मिलिट्री बेसों को निशाना बनाने की बात ईरान ने खुलेआम कही थी। इसी चेतावनी को सच करते हुए क़तर में अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइल अटैक हुआ।
मिडिल ईस्ट में अमेरिका के बड़े मिलिट्री बेस
दुनिया भर में अमेरिका के करीब 128 ओवरसीज बेस हैं, जिनमें से मिडिल ईस्ट में कई अहम सैन्य ठिकाने मौजूद हैं। इन्हें दो श्रेणियों में बांटा गया है:
- पर्सिस्टेंट बेस (Persistent Bases) : ये स्थायी और रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम बेस हैं।
- सिलेक्टेड अदर साइट्स (Selected Other Sites) : इन पर अमेरिका का आंशिक नियंत्रण है।
मुख्य पर्सिस्टेंट बेस :
स्थान | एयरबेस का नाम | विशेषता |
---|---|---|
बहरेन | यूएस नेवी फिफ्थ फ्लीट हेडक्वार्टर | रणनीतिक नौसैनिक बेस, 1948 से सक्रिय |
क़तर | अल उदैद एयरबेस | मिडिल ईस्ट का सबसे बड़ा अमेरिकी एयरबेस |
यूएई | अल धफरा एयरबेस | महत्वपूर्ण लॉन्ग-रेंज मिशन बेस |
क़तर का अल उदैद एयरबेस – तनाव का केंद्र
क़तर की राजधानी दोहा के पास स्थित अल उदैद एयरबेस पर करीब 10,000 से ज्यादा अमेरिकी सैनिक, लंबी दूरी के बॉम्बर्स, ड्रोन्स और सेंट्रल कमांड के विशेष ऑपरेशन यूनिट्स तैनात हैं। यही कारण है कि ईरान ने इस बेस को निशाना बनाया।
ईरान का दावा:
ईरान ने कहा कि यह हमला “सांकेतिक और नियंत्रित” था। यानी अमेरिकी हमले के जवाब में बराबरी का जवाब दिया गया, लेकिन जान-माल का बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
अमेरिका का बयान:
डोनल्ड ट्रंप ने हमले को “कमजोर और प्रतीकात्मक” बताया। अमेरिकी डिफेंस सिस्टम ने 14 में से 13 मिसाइलें इंटरसेप्ट करने का दावा किया।
एयर डिफेंस सिस्टम ने निभाई अहम भूमिका
क़तर में तैनात अमेरिकी एयर डिफेंस सिस्टम में शामिल हैं:
- THAAD
- Patriot PAC-3
- अन्य एडवांस्ड डिफेंस टेक्नोलॉजी
इनके चलते ईरान के मिसाइल हमले में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। धमाकों की आवाज़ दोहा तक सुनाई दी, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई।
एयरस्पेस बंद, भारत ने भी जारी की एडवाइजरी
मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव को देखते हुए क़तर, बहरेन, यूएई समेत कई देशों ने अपना एयरस्पेस अस्थायी रूप से बंद कर दिया। भारत की एयर इंडिया ने भी अपनी उड़ानों को सस्पेंड कर दिया।
भारतीय दूतावास, क़तर द्वारा एडवाइजरी:
- सभी भारतीय नागरिक सावधानी बरतें।
- घर के अंदर ही रहें।
- स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
- किसी भी आपात स्थिति में भारतीय दूतावास से संपर्क करें।
जानिए, क़तर में कितने भारतीय रहते हैं:
- कुल आबादी: लगभग 31 लाख
- भारतीय नागरिक: करीब 8 लाख (25% से ज्यादा)
- मुख्य क्षेत्रों में कार्यरत: कंस्ट्रक्शन, आईटी, हेल्थकेयर, बैंकिंग, शिक्षा आदि
- भारतीय कंपनियां: L&T, Wipro, TCS, Mahindra, Lulu Group, Malabar Gold आदि
ईरान का गेम प्लान: हमला, लेकिन नियंत्रण में
विशेषज्ञ मानते हैं कि ईरान ने जानबूझकर क़तर को हमले की सूचना पहले ही दे दी थी ताकि बड़ा नुकसान न हो। इससे एक ओर ईरान अपने घरेलू दर्शकों को दिखा सका कि उसने अमेरिका को जवाब दिया, वहीं दूसरी ओर खुला युद्ध टल गया।
आगे क्या हो सकता है?
- यूएस का जवाब: अभी तक अमेरिका ने कोई बड़ा जवाबी हमला नहीं किया है।
- बैक चैनल डिप्लोमेसी: संभावना है कि अमेरिका, क़तर और ईरान के बीच पर्दे के पीछे बातचीत जारी हो।
- रूस-ईरान नजदीकी: ईरान के विदेश मंत्री रूस पहुंच चुके हैं। अटकलें हैं कि रूस, ईरान को अप्रत्यक्ष सहयोग दे सकता है।
भारत की स्थिति
भारत फिलहाल संयम बरत रहा है। मिडिल ईस्ट में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं, ऐसे में भारत नहीं चाहता कि हालात और बिगड़ें।
निष्कर्ष: वर्ल्ड वॉर 3 की आशंका कितनी?
फिलहाल दोनों पक्षों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है, लेकिन संकेत साफ हैं कि दोनों बड़े युद्ध से बचना चाहते हैं। ईरान का हमला प्रतीकात्मक था, अमेरिका ने भी अब तक संयम रखा है। लेकिन स्थिति नाजुक बनी हुई है, किसी भी गलत कदम से तनाव बढ़ सकता है।