तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सार्वजनिक बयान दिए, जिससे पार्टी के भीतर असहजता की खबरें सामने आई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी ने उनके बयान को अपनी आधिकारिक राय नहीं माना है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि थरूर ने पार्टी की “लक्ष्मण रेखा” पार की है। इस पूरे विवाद पर शशि थरूर ने खुद अपनी प्रतिक्रिया दी है।
“भारतीय नागरिक के तौर पर रखी अपनी बात”
थरूर ने साफ किया कि उन्होंने यह बयान एक भारतीय नागरिक के रूप में दिया, न कि किसी राजनीतिक दल के प्रवक्ता के रूप में। उन्होंने कहा,
“देश एक संवेदनशील दौर से गुजर रहा था। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम एकजुट होकर सामने आएं। मैंने अपनी बात एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर रखी। मैं न तो पार्टी का प्रवक्ता हूं और न ही सरकार का। अगर किसी को मेरे विचारों से असहमति है, तो वो पूरी तरह स्वतंत्र हैं, लेकिन इसके लिए मुझे व्यक्तिगत रूप से दोषी ठहराना भी स्वीकार है।”
“यह मेरी व्यक्तिगत राय थी”
थरूर ने आगे कहा कि उनका बयान राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा था और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के दृष्टिकोण को स्पष्ट करना आवश्यक था।
#WATCH | Thiruvananthapuram | Congress MP Shashi Tharoor says, "Terrorism has to be resisted, on that the country is united. Even on Pahalgam, the government has apparently identified at least three, possibly four, of the five perpetrators, and they have vowed they will go after… pic.twitter.com/uTjpl0VPSx
— ANI (@ANI) May 15, 2025
“अमेरिका, यूरोप और खाड़ी देशों में हमारी बात उस तरह नहीं सुनी जा रही थी, जैसी जरूरत थी। मैंने जो कहा, वह मेरा व्यक्तिगत दृष्टिकोण था। अगर कोई इससे सहमत नहीं है, तो वह उसका विरोध कर सकता है।”
“पार्टी की तरफ से मुझे कुछ नहीं कहा गया”
जब थरूर से यह पूछा गया कि क्या पार्टी ने उन्हें इस मुद्दे पर कोई संदेश भेजा, तो उन्होंने इनकार करते हुए कहा,
“मुझे कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है। मैं सिर्फ मीडिया में चल रही खबरें देख रहा हूं।”
“CWC बैठक में ऐसा कुछ नहीं कहा गया”
भारत-पाक तनाव के बीच कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक हुई थी, जिसमें थरूर भी शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में थरूर के बयान पर असहमति जताई गई थी और उसे पार्टी लाइन के खिलाफ बताया गया था। लेकिन थरूर ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा,
“मैं उस बैठक में मौजूद था, लेकिन मेरे सामने इस विषय पर कोई चर्चा नहीं हुई।”
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के माहौल में शशि थरूर ने विभिन्न मीडिया चैनलों पर भारत की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने मजबूती से रखा था।
Mr Trump’s post is disappointing for India in four important ways: First, it implies a false equivalence between the victim and the perpetrator, and seemingly overlooks the US’ own past unwavering stance against Pakistan’s well-documented links to cross-border terrorism. Second,… https://t.co/Za5cvwq82M
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) May 12, 2025
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ये पोस्ट किया था
शशि थरूर ने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर के ऐलान को लेकर सवाल उठाए और सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ट्रंप की पोस्ट चार मायनों में भारत के लिए निराशाजनक है: सबसे पहले, यह पीड़ित और अपराधी के बीच एक गलत समानता का संकेत देता है और सीमा पार आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के संबंधों के खिलाफ अमेरिका के अपने पिछले अटल रुख को नजरअंदाज करता है. दूसरा, यह पाकिस्तान को एक बातचीत की रूपरेखा देता है.
उन्होंने आगे कहा, भारत कभी भी अपने सिर पर आतंकवादी बंदूक तानकर बातचीत नहीं करेगा. तीसरा, यह कश्मीर विवाद का “अंतर्राष्ट्रीयकरण” करता है, जो आतंकवादियों का एक स्पष्ट मकसद है. भारत विवाद के विचार को खारिज करता है और इस समस्या को भारत का आंतरिक मामला मानता है. भारत ने पाकिस्तान के साथ अपनी समस्याओं पर किसी विदेशी देश से मध्यस्थता के लिए कभी अनुरोध नहीं किया है, न ही इसकी संभावना है. चौथा, यह वैश्विक कल्पना में भारत और पाकिस्तान को फिर से जोड़ता है.
शशि थरूर ने स्पष्ट किया है कि उनका बयान निजी था, और उन्होंने किसी संस्था या पार्टी की ओर से बोलने का दावा नहीं किया। कांग्रेस की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ न कहे जाने के बावजूद, मीडिया रिपोर्ट्स ने इस बयान को लेकर पार्टी के अंदर संभावित असहमति को रेखांकित किया है।