पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (PSX) में गुरुवार को भारी गिरावट दर्ज की गई, जहां केएसई-100 इंडेक्स 1000 अंकों से अधिक नीचे आ गया। यह गिरावट 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण हुई, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हो गई थी।
भारत की कड़ी कार्रवाई
हमले के जवाब में भारत ने कई सख्त कदम उठाए:
- पाकिस्तान के साथ डिप्लोमैटिक रिश्तों को कमजोर किया।
- पाकिस्तानी मिलिट्री अटैची को निष्कासित किया।
- सिंधु जल समझौता (1960) को निलंबित किया, जो दोनों देशों के बीच पानी के बंटवारे का महत्वपूर्ण समझौता है।
- व्यापार के लिए महत्वपूर्ण अटारी लैंड-ट्रांजिट पोस्ट को बंद कर दिया।
इन कार्रवाइयों ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बढ़ा दी, जिससे शेयर बाजार में दहशत फैल गई।
पहले से ही बिगड़ती पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था
इस संकट से पहले ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डगमगा रही थी:
- IMF ने पाकिस्तान की GDP विकास दर घटाकर 2.6% कर दी।
- अगले साल महंगाई दर 7.7% तक पहुंचने का अनुमान है।
- पहलगाम हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे भीषण हमला माना जा रहा है, जिसने निवेशकों का भरोसा और डगमगा दिया।
2019 पुलवामा हमले की यादें
वर्तमान स्थिति 2019 के पुलवामा हमले जैसी है, जहां 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। उसके जवाब में भारत ने बालाकोट एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान के अंदर आतंकी कैंप को निशाना बनाया था। आज भी एक जैसी सैन्य और आर्थिक तनाव की स्थिति बनी हुई है।
आगे क्या होगा?
भारत के सख्त रुख और पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था को देखते हुए आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ सकती है। विश्लेषकों की नजर इस बात पर है कि क्या पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मदद मांगेगा या हालात और बिगड़ेंगे।
महत्वपूर्ण तथ्य
- बाजार गिरावट = जियोपॉलिटिकल जोखिम: तनाव बढ़ने पर निवेशक अस्थिर क्षेत्रों से पैसा निकालते हैं।
- सिंधु जल समझौता रुकने का असर: पाकिस्तान के कृषि और पानी की आपूर्ति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
- लंबे समय का आर्थिक नुकसान: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से संकट में है, यह तनाव उसे और डुबो सकता है।