पहलगाम हमला: क्या हुआ था?
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भयानक आतंकी हमला हुआ। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई। ये हमला इतना बड़ा था कि पूरे देश में गुस्सा भड़क उठा। लोग सड़कों पर उतरे, छात्रों और धार्मिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किए। इस हमले की जिम्मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली, लेकिन भारत सरकार ने इसके पीछे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का हाथ होने का दावा किया।
इसके बाद भारत सरकार एक्शन मोड में आ गई। CCS (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) की मीटिंग हुई, और विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पांच बड़े फैसलों का ऐलान किया। ये फैसले इतने सख्त थे कि पाकिस्तान में हड़कंप मच गया।
भारत के 5 बड़े फैसले
- अटारी बॉर्डर चेकपोस्ट बंद: भारत और पाकिस्तान के बीच अटारी-वाघा बॉर्डर पर सीमित आवाजाही होती थी। अब इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इसका मतलब है कि दोनों देशों के बीच लोग और सामान का आना-जाना रुक जाएगा।
- पाकिस्तान में भारतीय दूतावास बंद: भारत ने फैसला किया कि वह पाकिस्तान में अपने दूतावास को बंद करेगा। ये एक बड़ा कूटनीतिक कदम है, जो दिखाता है कि भारत अब पाकिस्तान के साथ रिश्ते सामान्य रखने के मूड में नहीं है।
- सिंधु जल समझौता रद्द: 1960 में हुआ इंडस वॉटर ट्रीटी एक ऐसा समझौता था, जिसके तहत भारत और पाकिस्तान के बीच पानी का बंटवारा होता था। भारत ने इसे तुरंत प्रभाव से रोक दिया। इसका असर पाकिस्तान की खेती और पानी की सप्लाई पर बहुत बड़ा होगा।
- पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे का अल्टीमेटम: भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। ये एक साफ संदेश है कि भारत अब कोई नरमी नहीं बरतेगा।
- पाकिस्तानियों के लिए वीजा बंद: अब किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारत का वीजा नहीं मिलेगा। ये कदम दोनों देशों के बीच लोगों के संपर्क को और कम कर देगा।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: बौखलाहट और बैठक
इन फैसलों के बाद पाकिस्तान में बेचैनी साफ दिख रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 24 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में वो भारत के इन कदमों पर चर्चा करने वाले हैं।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक इंटरव्यू में कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि भारत कोई सर्जिकल स्ट्राइक जैसा गैर-जिम्मेदाराना कदम नहीं उठाएगा। अगर भारत ने कोई हमला किया, तो हम जवाब देंगे।” उन्होंने 2019 की बालाकोट स्ट्राइक का जिक्र करते हुए कहा कि जब भारत ने उनकी एयरस्पेस का उल्लंघन किया था, तो पाकिस्तान ने जवाब दिया था। लेकिन उनकी ये बातें गुस्से और घबराहट का मिश्रण लग रही हैं।
ख्वाजा आसिफ ने ये भी कहा कि कश्मीर में भारत की 7 लाख से ज्यादा फौज तैनात है, और सवाल उठाया कि वो वहां क्या कर रही है? ये बयान भारत के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश दिखाता है।
क्या है इस तनाव की जड़?
अब सवाल ये है कि आखिर ये तनाव इतना क्यों बढ़ गया? पहलगाम हमले को भारत ने सीमा पार से प्रायोजित बताया है। भारत का कहना है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों के आका हैं। इसके जवाब में भारत ने न सिर्फ कूटनीतिक और आर्थिक कदम उठाए, बल्कि सैन्य कार्रवाई की भी संभावना को खुला रखा है।
पाकिस्तान की तरफ से बार-बार ये कहा जा रहा है कि भारत बिना सबूत के आरोप लगा रहा है। उनके अखबारों में भी यही लिखा जा रहा है कि “भारत ने पाकिस्तान पर आरोप लगाए, लेकिन सबूत नहीं दिए।” लेकिन भारत का स्टैंड साफ है – आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस।
क्यों अहम है सिंधु जल समझौता?
चलिए, अब थोड़ा सिंधु जल समझौते की बात करते हैं, क्योंकि ये इस पूरे विवाद का सबसे बड़ा पॉइंट है। इस समझौते के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु, झेलम, और चिनाब जैसी नदियों का पानी बंटता है। पाकिस्तान की खेती और अर्थव्यवस्था इस पानी पर बहुत हद तक निर्भर है। अगर भारत इस समझौते को पूरी तरह रद्द कर देता है, तो पाकिस्तान में पानी की भारी किल्लत हो सकती है। करोड़ों लोग प्रभावित हो सकते हैं।
भारत का कहना है कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता रहेगा, तो भारत ऐसे समझौतों को बनाए रखने के लिए बाध्य नहीं है। ये एक तरह से पाकिस्तान को चेतावनी है कि अब बातचीत से नहीं, बल्कि सख्ती से जवाब दिया जाएगा।
क्या हो सकता है आगे?
अब बड़ा सवाल ये है कि आगे क्या होगा? क्या भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ेगा? क्या सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कोई कार्रवाई होगी? या फिर ये मामला कूटनीतिक स्तर पर सुलझ जाएगा?
भारत की तरफ से आज (24 अप्रैल 2025) एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है, जिसमें सभी राजनीतिक दलों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा होगी। दूसरी तरफ, पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक भी हो रही है। दोनों देशों के फैसले इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता पर बड़ा असर डाल सकते हैं।
कुछ सवाल जो मन में उठते हैं
- क्या भारत के पास पुख्ता सबूत हैं? भारत ने अभी तक हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने के ठोस सबूत सार्वजनिक नहीं किए हैं। अगर सबूत सामने आते हैं, तो भारत की कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिल सकता है।
- क्या पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करेगा? ख्वाजा आसिफ के बयानों से लगता है कि पाकिस्तान जवाब देने की तैयारी में है। लेकिन क्या वो सैन्य कार्रवाई करेगा, या सिर्फ कूटनीतिक और प्रचार के स्तर पर जवाब देगा?
- अमेरिका की भूमिका क्या होगी? ये हमला तब हुआ जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत में थे। क्या ये हमला किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था? इस सवाल का जवाब अभी साफ नहीं है।
आप क्या सोचते हैं?
दोस्तों, ये पूरा मामला बहुत गंभीर है। एक तरफ भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान इसे गैर-जिम्मेदाराना बता रहा है। इस तनाव का असर न सिर्फ भारत और पाकिस्तान, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया पर पड़ सकता है।
आपके हिसाब से भारत को अब क्या करना चाहिए? क्या सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कदम सही होंगे, या कूटनीतिक दबाव ही काफी है? नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर शेयर करें। और अगर आपको ये विश्लेषण पसंद आया, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।