मुंबई में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक डोमिनोज पिज़्ज़ा डिलीवरी एजेंट को एक जोड़े ने मराठी न बोलने के लिए प्रताड़ित किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने महाराष्ट्र में भाषाई समावेशिता को लेकर बहस को फिर से भड़का दिया है।
क्या हुआ था?
यह घटना 13 मई, 2025 को मुंबई के भांडुप स्थित साई राधे बिल्डिंग में हुई। डोमिनोज के डिलीवरी एजेंट रोहित लावरे को एक जोड़े ने पैसे देने से इनकार कर दिया, जब तक कि वह मराठी में बात नहीं करता।
घटना की मुख्य जानकारी
- स्थान: भांडुप, मुंबई
- रेस्तरां: डोमिनोज पिज़्ज़ा
- डिलीवरी एजेंट: रोहित लावरे
- जोड़े की मांग: मराठी न बोलने पर भुगतान न करना
- वीडियो स्थिति: X (ट्विटर) पर वायरल, 1.47 लाख से अधिक व्यूज
वायरल वीडियो: क्या हुआ था?
लावरे ने इस पूरी घटना को रिकॉर्ड किया, जिसमें जोड़े को जबरदस्ती मराठी बोलने के लिए कहते हुए सुना जा सकता है। वीडियो में कुछ प्रमुख बातचीत इस प्रकार थी:
- लावरे: “मराठी बोलने की जबरदस्ती है, पर क्यों?”
- महिला: “हां, यहां ऐसा ही है।”
- लावरे: “अगर यह आपकी शर्त थी, तो आपको ऑर्डर ही नहीं करना चाहिए था।”
- महिला: “तुम मेरा वीडियो नहीं बना सकते, लेकिन मैं तुम्हारा बना सकती हूं।”
बहस बढ़ने के बाद लावरे बिना पैसे लिए वहां से चले गए।
वायरल वीडियो देखें
Kalesh over A customer refused to pay Domino's Pizza delivery boy Rohit Levare for the pizza because Rohit did not know Marathi. The customer said that if he wanted the money, he would have to speak Marathi.
— Ghar Ke Kalesh (@gharkekalesh) May 13, 2025
pic.twitter.com/AYkZSdLNUt
लोगों की प्रतिक्रिया: भाषाई भेदभाव पर आक्रोश
इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं लाई हैं, जहां कई लोगों ने जोड़े के व्यवहार की निंदा की है। कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाएं:
- “इटैलियन बोलो ना फिर!” – मांग की बेतुकापन पर व्यंग्य।
- “मराठी की जबरदस्ती क्यों? हर कोई इसे नहीं बोल सकता।”
- “छत्रपति शिवाजी महाराज ने हिंदवी स्वराज्य के लिए लड़ाई लड़ी थी, भाषा थोपने के लिए नहीं।”
व्यापक प्रभाव: महाराष्ट्र में भाषा और पहचान
यह घटना महाराष्ट्र में भाषाई राजनीति को लेकर चल रही तनावपूर्ण बहस को उजागर करती है। हालांकि मराठी राज्य की आधिकारिक भाषा है, मुंबई की बहुसांस्कृतिक पहचान के कारण यहां हिंदी, अंग्रेजी और अन्य भाषाएं बोलने वाले लोग भी बड़ी संख्या में रहते हैं।
आगे क्या? कानूनी और सामाजिक परिणाम
अभी तक कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है, लेकिन ऐसा व्यवहार निम्नलिखित के तहत आपराधिक हो सकता है:
- उपभोक्ता अधिकार (सेवा के बदले भुगतान से इनकार)।
- भेदभाव विरोधी कानून (भाषाई उत्पीड़न)।
डोमिनोज या स्थानीय प्रशासन द्वारा आगे की कार्रवाई की जा सकती है।
निष्कर्ष: सम्मान और समावेशिता की अपील
मुंबई हमेशा से विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं का मिलन स्थल रहा है। ऐसी घटनाएं इसकी समावेशी भावना को कमजोर करती हैं। हालांकि क्षेत्रीय गौरव महत्वपूर्ण है, लेकिन बुनियादी सेवाओं तक पहुंच के लिए भाषा को बाधा बनाना गलत है।
मुख्य बातें
✔ भाषा भेदभाव का हथियार नहीं होनी चाहिए।
✔ मुंबई की विविधता इसकी ताकत है—सम्मान बनाए रखें।
✔ व्यवसायों और प्रशासन को सेवाकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
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