BY: Yoganand Shrivastva
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने निर्णायक कदम उठाते हुए 15 दिन बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के आतंकी ठिकानों पर जोरदार हमला किया। यह सैन्य कार्रवाई 6-7 मई की रात को की गई थी, जिसमें कुल 9 ठिकानों को तबाह किया गया। इस जवाबी ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने एलओसी पर फायरिंग शुरू कर दी, जिससे तीन दिनों तक तनावपूर्ण स्थिति बनी रही।
F-16 विमान ध्वस्त, एयरबेस बर्बाद
नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को करीब 1.124 अरब डॉलर का भारी नुकसान झेलना पड़ा है। भारतीय सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) प्रणाली ने पाकिस्तान वायुसेना के चार F-16 सुपरसोनिक जेट विमानों को मार गिराया। ये विमान सरगोधा एयरबेस से उड़ान भरे थे – जो पाकिस्तानी वायुसेना का एक प्रमुख सैन्य ठिकाना है। हमले में एयरबेस की संरचना बुरी तरह प्रभावित हुई है और उसकी मरम्मत के लिए लगभग 100 मिलियन डॉलर की लागत आंकी जा रही है।
सैन्य ढांचे को हुआ गहरा नुकसान
रिपोर्ट बताती है कि हमले में सरगोधा स्थित रडार और कमांड संरचनाओं को गंभीर क्षति पहुंची है। F-16 विमानों की कुल लागत लगभग 349.52 मिलियन डॉलर थी (प्रत्येक विमान की कीमत 87.38 मिलियन डॉलर) और इसके अलावा C-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को भी निशाना बनाया गया जिसकी अनुमानित कीमत 40 मिलियन डॉलर थी।
साथ ही, HQ-9 डिफेंस सिस्टम को 200 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, जबकि दो मोबाइल कमांड सेंटर्स को भी क्षति पहुंची, जिनकी संयुक्त लागत 10 मिलियन डॉलर आंकी गई है।
9 आतंकी अड्डे पूरी तरह तबाह
भारत की एयरस्ट्राइक में कुल 9 आतंकी अड्डे पूरी तरह ध्वस्त कर दिए गए। इस हमले में करीब 100 आतंकवादियों के मारे जाने की जानकारी है। इनमें जैश-ए-मोहम्मद के लगभग 30, लश्कर-ए-तैयबा के 3 और हिज्बुल मुजाहिदीन के 2 प्रमुख कैंप शामिल थे।
तबाह किए गए ठिकानों में शामिल हैं:
- जैश-ए-मोहम्मद:
- मरकज सुभान अल्लाह (बहावलपुर)
- सरजल (तेहरा कलां)
- मरकज अब्बास (कोटली)
- सईदना बिलाल कैंप (मुजफ्फराबाद)
- लश्कर-ए-तैयबा:
- मरकज तैयबा (मुरीदके)
- अहले हदीस सेंटर (बरनाला, भिंबर)
- शावई नाला कैंप (मुजफ्फराबाद)
- हिज्बुल मुजाहिदीन:
- महमूना जोया (सियालकोट)
- मस्कर राहिल शाहिद (कोटली)
भारत के इस सैन्य ऑपरेशन ने न केवल पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को तगड़ा झटका दिया है, बल्कि उसके सैन्य संसाधनों को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है। रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान की वायुसेना को हुए इस नुकसान की भरपाई आसान नहीं होगी और इससे उसकी सैन्य शक्ति पर भी असर पड़ा है।