BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली, 22 मई 2025 – भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा है कि अब दोनों देशों के बीच केवल पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) को खाली कराने को लेकर ही कोई बातचीत हो सकती है। भारत ने यह भी दोहराया कि भारत-पाकिस्तान के बीच संवाद किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से नहीं, बल्कि केवल द्विपक्षीय स्तर पर ही संभव है।
आतंकवाद पर भारत का सख्त रुख
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भारत की नीति बिल्कुल स्पष्ट है – बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। उन्होंने बताया कि भारत ने पहले भी पाकिस्तान को उन आतंकवादियों की सूची सौंपी थी जो भारत में आतंकी घटनाओं में वांछित हैं। भारत अब भी उन आतंकियों के प्रत्यर्पण पर बात करने को तैयार है।
उन्होंने कहा, “हमारी स्थिति साफ है कि पाकिस्तान से किसी भी प्रकार की बातचीत तब तक संभव नहीं है जब तक वह आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद नहीं करता। साथ ही हमने पाकिस्तान को पहले ही एक सूची दी थी, जिसमें भारत को वांछित आतंकियों के नाम शामिल हैं – अब समय है कि पाकिस्तान उन्हें सौंपे।”
सिंधु जल संधि पर भारत का फैसला
भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि सिंधु जल समझौता तब तक स्थगित रहेगा जब तक पाकिस्तान अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करता। भारत ने यह निर्णय सुरक्षा और रणनीतिक दृष्टिकोण से लिया है। भारत का कहना है कि “खून और पानी साथ नहीं बह सकते” – यानी जब तक आतंकवाद रहेगा, व्यापार या सहयोग संभव नहीं।
बहुपक्षीय मोर्चे पर पाकिस्तान को बेनकाब करेगा भारत
रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत ने सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भेजे हैं, जिनमें से तीन पहले ही अपने मिशन पर रवाना हो चुके हैं। इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की आतंकी संरचना और संरक्षण की सच्चाई को उजागर करना है।
उन्होंने कहा, “हम दुनिया भर में यह संदेश स्पष्ट रूप से देना चाहते हैं कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को लेकर प्रतिबद्ध है और किसी भी देश को आतंकवाद का शरणस्थल बनने नहीं दिया जाएगा।”