राजधानी में डिजिटल अरेस्ट की एक और घटना सामने आई है, जहां एक निजी स्कूल की प्राचार्य व उनकी पत्नी को 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट में रखा गया। 24 घंटे अरेस्ट में रहने के बाद प्राचार्य को एहसास हुआ कि, उन्हें ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। प्राचार्य ने मामले की जानकारी साइबर क्राइम पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई शुरू की।
जानकारी के मुताबिक कोहेफिजा निवासी 59 वर्षीय फार्रूख खान व उनकी पत्नी मरियम एक निजी स्कूल में प्राचार्य है। शनिवार के दिन में फार्रूख के मोबाईल पर डीएचएल कंपनी के प्रतिनिधि का फोन आया, प्रतिनिधि से फार्रूख को बताया कि, उनके नाम एक पार्सल आया है, जिसमें मादक पदार्थ है, जब र्फारूख ने बताया कि, हमने कोई पार्सल नहीं मंगाया तो प्रतिनिधि ने कहा कि, तुम्हारे आधार कार्ड का उपयोग किया गया है। प्रतिनिधि ने कहा कि, आप साइबर सेल में बात करों और वहां शिकायत करो। प्रतिनिधि के द्वारा ही साइबर सेल में बात कराई थी, जहा पुलिस अधिकारी बने बैठे ठगों ने फार्रूख को आदेश दिया कि, वह और उनकी पत्नी घर से बाहर न निकले। ठगों ने उनसे बैंक खाते की जानकारी भी मांगी। फार्रूख ने बैंक खाते की गलत जानकारी दे दी, जिससे ठग पैसे निकालने में कामयाब न हो सके। ठगों ने रविवार शाम 4 बजे तक ठगी का प्रयास किया, लेकिन नाकामयाब रहें। जब फार्रूख को फर्ज़ी अधिकारियों पर शक हुआ तो वह टायलेट जाने का कहकर बाथरूम चले गए। जहां उन्होंने मोबाइल पर डिजिटल के बारे में जानकारी सर्च की। फार्रूख का शक पक्का हो गया, जिसके बाद फार्रूख ने पूरे मामले की जानकारी साइबर सेल को दी।
10 दिनों में ठगी के तीन मामले
ठगी के इस नए कलेवर के पिछले 10 दिनों में 3 मामले सामने आ चुके है, लेकिन जनता की सतर्कता से अभी तक ठग रकम ऐंठने में नकामयाब रहे है। पहले 9 नम्बर को भी अरेरा काॅलोनी निवासी कारोबारी से 3 करोड़ रूपए ऐंठने की कोशिश की गई थी। मंगलवार को बजरिया निवासी इंजीनियर प्रमोद को छह घंटे डिजिटल अरेस्ट में रखकर साढ़े तीन लाख रूपए ऐंठने की कोशिश की गई थी।