रिपोर्ट- कुशल चोपड़ा, एडिट- विजय नंदन
बीजापुर: छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति 2025 के सकारात्मक परिणामों के तहत कभी घोर माओवाद प्रभावित रहे बीजापुर जिले के अंदरूनी इलाकों में अब विकास की नई सुबह दिखनी शुरू हो गई है। भैरमगढ़ ब्लॉक के इंद्रावती नदी पार बसे सात गांवों में प्रशासन ने पहली बार एक साथ मेगा हेल्थ कैंप का सफल आयोजन किया, जिसने इन दुर्गम क्षेत्रों के ग्रामीणों में विश्वास और उम्मीद की नई किरण जगाई है।
धुर नक्सल प्रभावित गांवों तक पहुंची विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएँ
बड़ी संख्या में माओवादियों के आत्मसमर्पण के बाद प्रशासन ने तेजी दिखाते हुए उसपरी, बेलनार, सतवा, कोसलनार, ताड़पोट, उतला और इतामपार गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाए। इस अभियान में रायपुर के वीवाए मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, जगदलपुर मेडिकल कॉलेज, सीएमएचओ डॉ. बीआर पुजारी और बीजापुर जिला अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम शामिल हुई।

कैंप की मुख्य उपलब्धियाँ
कुल जाँच: 989 ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
गंभीर मामलों की स्क्रीनिंग: मुख कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, हृदय रोग, और क्षय रोग (T.B.) जैसे गंभीर मामलों की गहन जाँच की गई।
बच्चों का इलाज: एक बालक को हृदय रोग से ग्रस्त पाया गया, जिसे तत्काल ‘चिरायु योजना’ के तहत उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा के लिए रेफर किया गया है।
अन्य उपचार: मलेरिया (156 प्रकरण), रक्तचाप (371), कुपोषण (एनीमिया) और उल्टी-दस्त के 24 प्रकरणों की जाँच और उपचार किया गया।
वरिष्ठ नागरिक: 54 वरिष्ठ नागरिकों की विशेष जाँच की गई।
विशेषज्ञों का अनुभव: भरोसा और जागरूकता बढ़ी
वीवाए मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉ. सुशील गांगे (एमडी, मेडिसिन) ने कहा कि अंदरुनी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना बड़ी चुनौती है, किंतु सरकार की पहल से यह अब असंभव नहीं रहा। उन्होंने जोर दिया कि ऐसे कैंप मलेरिया, एनीमिया और कुपोषण से लड़ने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुरूप साहू और डॉ. बी.एस. साहू ने उम्मीद जताई कि दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाओं की सुलभता से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय सुधार होगा। उन्होंने कहा कि “ग्रामीणों में अब भय की जगह विश्वास और आशा का माहौल दिखाई दे रहा है। वे शासन-प्रशासन से जुड़कर बुनियादी सुविधाओं के प्रति सजग हो रहे हैं।”
कलेक्टर का संदेश: विकास ही बीजापुर की नई पहचान
बीजापुर कलेक्टर संबित मिश्रा ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को बधाई दी और बताया कि प्रशासन ‘नियद नेल्लानार योजना’ के तहत अंदरुनी क्षेत्रों में विकास कार्यों में तेजी ला रहा है।
कलेक्टर संबित मिश्रा ने कहा कि “शासन के निर्देशानुसार, प्रशासन अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा, स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के लिए संकल्पित है। यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ा रही है, बल्कि यह संदेश भी दे रही है कि अब माओवाद नहीं, मुख्यधारा और विकास ही बीजापुर की नई पहचान बनेगा।





