BY: Yoganand Shrivastva
चारधाम यात्रा के शुभारंभ की तैयारियां जोरों पर हैं और इसी क्रम में आज से श्रद्धालुओं के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हरिद्वार में सुबह से ही भारी संख्या में श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कतारों में नजर आए।
हरिद्वार में बनाए गए 20 फ्री रजिस्ट्रेशन काउंटर
इस वर्ष भी चारधाम यात्रा में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हरिद्वार में 20 नि:शुल्क रजिस्ट्रेशन काउंटर खोले गए हैं। इनमें दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिकों और विदेशी श्रद्धालुओं के लिए विशेष काउंटर भी बनाए गए हैं।
किन-किन स्थानों पर उपलब्ध हैं रजिस्ट्रेशन सेंटर?
चारधाम यात्रा 30 अप्रैल 2025 से प्रारंभ होगी। इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे। केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को और बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे।
यात्रियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने हरिद्वार, देहरादून, ऋषिकेश, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में 50 से अधिक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन सेंटर स्थापित किए हैं। श्रद्धालु यात्रा से पहले इन स्थानों से अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
रजिस्ट्रेशन से जुड़ी अहम जानकारी
हरिद्वार के जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल ने बताया कि पहले दिन रजिस्ट्रेशन की अधिकतम सीमा 1000 यात्रियों के लिए तय की गई है। हालांकि, भविष्य में उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार इस संख्या में बदलाव संभव है। श्रद्धालुओं की भीड़ और आवश्यकताओं के अनुसार व्यवस्थाओं को समायोजित किया जाएगा।
रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड: रजिस्ट्रेशन के समय पहचान पत्र के रूप में अनिवार्य।
- मोबाइल नंबर: पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान जरूरी।
- मेडिकल रिपोर्ट: यदि किसी यात्री को कोई गंभीर बीमारी है, तो उसकी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी देनी होगी।
पिछले साल की यात्रा का आंकड़ा
साल 2024 में चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई थी। करीब 65 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जबकि 48 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चारधामों में जाकर दर्शन किए थे। केवल केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में ही 30,87,417 यात्रियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।
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