BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली: भारत के लिए गौरव की बात है कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में कदम रखने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। Axiom-4 मिशन के तहत वे अपने तीन अन्य साथियों के साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की ओर अग्रसर हैं। अनुमान है कि आज शाम करीब 4:30 बजे उनका स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से डॉक करेगा। डॉकिंग से पहले ही शुभांशु ने ड्रैगन कैप्सूल से एक भावनात्मक संदेश भेजा है, जो इस ऐतिहासिक पल का गवाह बन गया है।
अंतरिक्ष से ‘नमस्कार’
स्पेस में मौजूद शुभांशु शुक्ला ने वीडियो संदेश में कहा,
“अंतरिक्ष से नमस्कार! मैं और मेरी टीम इस अद्भुत यात्रा से बहुत उत्साहित हैं।”
हाथ में एक हंस के खिलौने को दिखाते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में हंस को ज्ञान और विवेक का प्रतीक माना जाता है। यह प्रतीक लेकर वे अपने देश की परंपरा और संस्कृति को अंतरिक्ष तक ले गए हैं।
“मैं अकेला नहीं हूं, भारत मेरे साथ है”
शुभांशु ने हिंदी में भी अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा:
“मेरे कंधे पर लगा तिरंगा इस बात का प्रमाण है कि मैं अकेला नहीं हूं, पूरा भारत मेरे साथ है।”
उन्होंने यह भी कहा कि वे अंतरिक्ष से धरती के दृश्यों की तस्वीरें और वीडियो ले रहे हैं, जिन्हें वे पृथ्वी पर लौटने के बाद सभी से साझा करेंगे।
लॉन्च के वक्त मन में यही था – “चलो, बस चलते हैं”
उन्होंने बताया कि लॉन्च के दौरान उनके मन में सिर्फ एक ही ख्याल था – चलो इस सफर पर निकलते हैं। इस मिशन में शामिल होने के पीछे कई वैज्ञानिकों, तकनीकी विशेषज्ञों और सहयोगियों का योगदान रहा है। अंतरिक्ष से धरती का नजारा उन्हें रोमांच से भर देता है और वे इसे जीवन भर नहीं भूल पाएंगे।
Axiom-4 क्रू: शुभांशु शुक्ला और उनके साथी
🔸 शुभांशु शुक्ला (भारत) – पायलट
- भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन
- जन्म: लखनऊ, 1985
- 2000 घंटे से अधिक उड़ान अनुभव
- Su-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जैगुआर जैसे विमानों के विशेषज्ञ पायलट
🔸 पेगी व्हिट्सन (अमेरिका) – कमांडर
- नासा की पूर्व अनुभवी अंतरिक्ष यात्री
- अंतरिक्ष में 675 दिन बिता चुकीं
- अमेरिका की पहली महिला ISS कमांडर
🔸 स्लावोस उज्नांस्की-विस्निएव्स्की (पोलैंड)
- यूरोपियन स्पेस एजेंसी के प्रतिनिधि
- 1978 के बाद स्पेस जाने वाले दूसरे पोलिश यात्री
- पेशे से वैज्ञानिक और इंजीनियर
🔸 टिबोर कपु (हंगरी)
- हंगरी स्पेस ऑफिस के सदस्य
- 1980 के बाद स्पेस में जाने वाले हंगरी के दूसरे अंतरिक्ष यात्री
आगे की राह
Axiom-4 मिशन वैज्ञानिक प्रयोगों, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और मानव अंतरिक्ष यात्रा की संभावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम है। डॉकिंग के बाद चारों अंतरिक्ष यात्री कई महत्वपूर्ण अनुसंधानों में हिस्सा लेंगे।