BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली, : भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला Axiom Space और SpaceX के सहयोग से आज अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरने वाले हैं। यह मिशन न केवल भारत के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
कब और कहां से होगा लॉन्च?
नासा ने जानकारी दी है कि Axiom-4 मिशन को बुधवार, 25 जून को भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे लॉन्च किया जाएगा। लॉन्च अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर के मिशन कॉम्प्लेक्स 39ए से किया जाएगा। इस मिशन को SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट के ज़रिए भेजा जा रहा है।
क्रू ड्रैगन कैप्सूल में सवार हुआ दल
ताजा अपडेट के मुताबिक, मिशन के चारों सदस्य—कमांडर पेगी व्हिटसन, पायलट शुभांशु शुक्ला, और दो मिशन विशेषज्ञ स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्निएव्स्की (पोलैंड) और टिबोर कापू (हंगरी)—क्रू ड्रैगन कैप्सूल में सवार हो चुके हैं। उड़ान से पहले अंतिम तकनीकी परीक्षण और सुरक्षा जांच की प्रक्रिया चल रही है।
डॉकिंग की सटीक टाइमिंग
मिशन लॉन्च के बाद स्पेसक्राफ्ट अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की दिशा में आगे बढ़ेगा और गुरुवार, 26 जून को शाम 4:30 बजे (भारतीय समयानुसार) स्पेस स्टेशन से डॉकिंग करेगा। इसका मतलब है कि अंतरिक्ष यान और ISS आपस में जुड़कर उपकरण और क्रू को अंतरिक्ष स्टेशन में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को अंजाम देंगे।
स्पेस डॉकिंग क्या होती है?
डॉकिंग वह जटिल तकनीकी प्रक्रिया है जिसमें दो अंतरिक्ष यान, जो एक-दूसरे से बेहद तेज़ गति से उड़ रहे होते हैं, को सटीक तरीके से जोड़ दिया जाता है। यह तकनीक न केवल क्रू को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए जरूरी होती है, बल्कि अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण और विस्तार में भी इसका अहम योगदान होता है। आज जो ISS जैसी संरचना हमारे सामने है, वह भी अलग-अलग मॉड्यूलों के इसी प्रकार के डॉकिंग से बनी है।
भारत के लिए गर्व का पल
इस मिशन में शुभांशु शुक्ला की भागीदारी भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए मील का पत्थर है। वे इसरो की ट्रेनिंग से होकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार किसी प्राइवेट कॉर्पोरेट स्पेस मिशन का हिस्सा बनने जा रहे हैं।