BY: Yoganand Shrivastva
ग्वालियर (मध्य प्रदेश) — रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को डिजिटल माध्यम से ठगने के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। उज्जैन के नागदा से पकड़ा गया उदयराज विनाज्ञा इस गिरोह का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, जो देशभर के साइबर अपराधियों से जुड़ा हुआ है।
🧠 ठगी का नेटवर्क और उसके सदस्य
इस साइबर ठगी गिरोह में केवल तकनीकी जानकार ही नहीं, बल्कि सब्जी बेचने वाले से लेकर बैंक के अधिकारी तक शामिल हैं। इनका मुख्य काम था किराए के बैंक खाते उपलब्ध कराना, जिनके जरिए ठगी की रकम को इधर-उधर किया जाता था।
उदाहरण के तौर पर, 10 लाख रुपये एक सब्जी विक्रेता राहुल कहार के खाते में भेजे गए थे। गिरोह से जुड़े करीब 50 से अधिक बैंक खातों की पहचान की गई है, जिनमें 5 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ है। ये रकम देश के विभिन्न हिस्सों से इन खातों में भेजी गई थी।
🔎 कैसे हुआ खुलासा?
ग्वालियर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और उन्हें 5 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया। पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि ठगी की रकम का बड़ा हिस्सा उदयराज को सौंपा गया था। वह उस मुख्य गिरोह से जुड़ा है जो ठगी के लिए किराए के खाते जुटवाता है। वहीं असली साइबर ठगों का नेटवर्क अलग है, जो इन खातों का इस्तेमाल कर बड़ी-बड़ी रकम उड़ा लेता है।
💱 क्रिप्टो में बदल दिया गया पैसा
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि इस पूरे गिरोह का एक हिस्सा ठगी की रकम को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करता है, ताकि पैसों का कोई ट्रैक न रहे। इस केस में भी ऐसा ही किया गया। एसएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि सभी आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है और उनके खातों की विस्तृत जांच चल रही है।
📍 प्रयागराज में मिला सबसे बड़ा सुराग
अब तक की जांच में सामने आया है कि सबसे ज्यादा रकम – 1.30 करोड़ रुपये – प्रयागराज स्थित इंडसइंड बैंक के खाते में ट्रांसफर की गई थी। यह खाता किसके नाम पर है और वहां से रकम किस दिशा में गई, इसका खुलासा अब जांच का अगला बड़ा पड़ाव होगा। अधिकारियों का मानना है कि इस जांच से कई और राजनीतिक, आर्थिक और साइबर ठग नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है।
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