BY: Yoganand Shrivastva
🏛️ सुप्रीम कोर्ट में 2 मिनट का मौन
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में अब तक 26 निर्दोष लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायल हुए हैं। देशभर में इस हमले को लेकर आक्रोश व्याप्त है। इस घटना पर शोक जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में आज विशेष पहल देखने को मिली।
आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस मसीह की पीठ ने सुनवाई से पहले 2 मिनट का मौन रखकर हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। चूंकि मुख्य न्यायाधीश की पीठ आज इस घटना के विरोध में नहीं बैठी, इसलिए वरिष्ठता के आधार पर जस्टिस गवई की बेंच ने यह पहल की। मौन रखने की प्रक्रिया फायर ब्रिगेड के सायरन के साथ शुरू हुई और उसी सायरन के साथ समाप्त हुई।
🔍 आतंकी हमले से जुड़े नए खुलासेघटना के बाद जांच एजेंसियों ने कई अहम जानकारियाँ उजागर की हैं:
- हमले में शामिल चार आतंकियों की पहचान हो गई है।
- दो आतंकी पश्तो भाषा में बातचीत कर रहे थे और पाकिस्तानी नागरिक बताए जा रहे हैं।
- हमलावरों में एक का नाम आसिफ शेख है, जो जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बताया जा रहा है।
- तीन आतंकियों के कोड नेम उजागर हुए हैं:
- मूसा (असल नाम: आसिफ फौजी)
- युनूस (असल नाम: सुलेमान शाह)
- आसिफ (कोड नाम: अबु तल्हा)
🎥 बॉडी कैम से किया वीडियो रिकॉर्डिंग
जानकारी के मुताबिक, आतंकियों ने हमले के समय अपने शरीर पर बॉडी कैम लगाए थे। उन्होंने पूरी घटना को रिकॉर्ड किया। हमले से पहले उन्होंने पर्यटकों को सिर झुकाने के लिए कहा, फिर AK-47 और अमेरिकी M-14 राइफल से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
📡 विदेशी समर्थन के संकेत
जांच एजेंसियों को घटनास्थल के पास से उन्नत संचार उपकरण बरामद हुए हैं, जिससे अंदेशा है कि आतंकियों को बाहरी देशों से लॉजिस्टिक और तकनीकी समर्थन मिला। यह भी पुष्टि हुई है कि हमलावर आतंकी पाकिस्तान में बैठे आकाओं से सीधा संपर्क में थे, और पूरी घटना की लाइव जानकारी वहाँ भेजी जा रही थी।
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