कंगपोकपी जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) ने सभी सशस्त्र कर्मियों को चेतावनी दी है कि वे 30 अप्रैल 2025 को K. Ponlen गाँव में आयोजित होने वाली एक बैठक में शामिल न हों। यह बैठक कंगचुप एरिया प्रोटेक्शन एंड डेवलपमेंट कमेटी (KAPDC) द्वारा बुलाई गई है, जिसे पुलिस ने एक अवैध संगठन बताया है।
Contents
क्या है मामला?
- KAPDC, जो कुकी इनपी (एक स्थानीय संगठन) के तहत काम करता है, ने कंगचुप क्षेत्र के सभी सिविल पुलिस, मणिपुर राइफल्स और भारतीय रिजर्व बटालियन (IRB) के कर्मियों को इस बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया था।
- पुलिस अधीक्षक ने इसे गैरकानूनी करार देते हुए कहा कि कोई भी सशस्त्र कर्मचारी अगर इस बैठक में शामिल होता है, तो उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
- इस तरह की बैठकों में शामिल होना सेवा नियमों का गंभीर उल्लंघन माना जाएगा।
- क्या KAPDC वैध संगठन है?
- पुलिस का कहना है कि यह एक काल्पनिक संगठन है, जिसका कोई कानूनी आधार नहीं है। ऐसे में, सरकारी कर्मचारियों का इससे जुड़ना अनुशासनहीनता माना जा सकता है।
- क्यों पुलिस कर्मियों को बुलाया गया?
- संभवतः KAPDC स्थानीय सुरक्षा बलों को अपने प्रभाव में लेना चाहता है, जो कानून-व्यवस्था के लिए खतरनाक हो सकता है।
- अगर कोई कर्मचारी बैठक में जाता है तो क्या होगा?
- उस पर नौकरी से निलंबन या बर्खास्तगी तक की कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि सरकारी कर्मचारियों का ऐसे संगठनों से जुड़ना संविधान और सेवा नियमों के खिलाफ है।
निष्कर्ष:
यह मामला दिखाता है कि मणिपुर में सशस्त्र समूह और स्थानीय संगठन कैसे सरकारी तंत्र को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए अपने कर्मियों को सचेत किया है कि वे किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल न हों, नहीं तो उन्हें भारी नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।
इस तरह की घटनाएं कानून के शासन को चुनौती देती हैं, और सरकारी कर्मचारियों का ऐसे संगठनों से दूर रहना ही उनके और जनता के हित में है।