रिपोर्टर: आज़ाद सक्सेना
दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी महिला फाइटर कमांडो न केवल पुरुष जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं, बल्कि नक्सली इलाकों में अपनी बहादुरी से कई सफल अभियान भी चला चुकी हैं। इन वीरांगनाओं से मिलने के लिए हमारे जिला संवाददाता आज़ाद सक्सेना पहुंचे, जहां उन्होंने महिला दिवस के अवसर पर इन जांबाज महिलाओं के साहस और समर्पण को सलाम किया।
दंतेश्वरी महिला फाइटर का गठन और उद्देश्य
एडिशनल एसपी पूजा कुमारी ने बताया कि दंतेश्वरी महिला फाइटर कमांडो का गठन 19 मई 2019 को किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य महिला कमांडो की एक मजबूत टीम तैयार करना था, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों का डटकर मुकाबला कर सके। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों और उत्पीड़न की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए इन महिला कमांडो को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया।
इन वीरांगनाओं ने ग्रामीण महिलाओं से जुड़कर उनकी समस्याओं को समझा और उन्हें न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई। यही कारण है कि आज गांवों में महिला फाइटर कमांडो पर पूरा भरोसा है और महिलाएं बेझिझक अपनी समस्याएं उनके साथ साझा करती हैं।
गांव की बेटियों ने भी बढ़ाया कदम
दंतेश्वरी महिला फाइटर कमांडो को देखकर गांव-गांव की युवा बालिकाएं भी प्रेरित हुईं और उन्होंने इस फोर्स में भर्ती होकर अपने जिले के विकास और सुरक्षा में योगदान देने का संकल्प लिया। आज ये महिला कमांडो नक्सल ऑपरेशनों में भी पुरुष जवानों के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। सरकार भी इनके साहस को सराहते हुए वीरता पुरस्कारों से सम्मानित कर चुकी है।
महिला कमांडो का अनुभव
बसंती अटमी, जो 2019 में दंतेश्वरी महिला फाइटर में शामिल हुईं, ने बताया कि उन्होंने कई नक्सल ऑपरेशनों में हिस्सा लिया और नक्सलियों से सीधे मुकाबला किया। इसके अलावा, समाज के विकास में भी उनकी टीम सक्रिय भूमिका निभा रही है।
ग्रामीण इलाकों में जाकर ये महिला कमांडो युवाओं को नक्सलवाद छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उनके प्रयासों से कई युवा नक्सली विचारधारा को त्यागकर आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
सरकार की पुनर्वास नीति का सकारात्मक असर
छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को रोजगार, कृषि, स्वास्थ्य सुविधाएं और बच्चों की शिक्षा के लिए निशुल्क सेवाएं दी जा रही हैं। इसका असर यह हुआ है कि आदिवासी इलाकों की तस्वीर बदल रही है और कई गांव शांति और विकास की राह पर आगे बढ़ रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम इन जांबाज दंतेश्वरी महिला फाइटर कमांडो को सलाम करते हैं, जो समाज और देश की सुरक्षा के लिए दिन-रात संघर्ष कर रही हैं।
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