भारत के मंदिर तोड़ने वाले अब पाकिस्तान की मिसाइलों में ज़िंदा हैं!
BY: VIJAY NANDAN
पाकिस्तान ने अपने मिसाइल कार्यक्रम को मुख्य रूप से भारत के प्रति रणनीतिक संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से विकसित किया है। इसके तहत उसने कई प्रकार की बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइलें विकसित की हैं, जिनके नाम अक्सर भारत पर आक्रमण करने वाले ऐतिहासिक मुस्लिम हमलावरों या धार्मिक-सांस्कृतिक प्रतीकों पर रखे गए हैं। 1947 में पाकिस्तान का निर्माण धर्म के आधार पर हुआ—एक ऐसा देश जो “इस्लाम के नाम पर मुसलमानों के लिए” बनाया गया, और जहाँ से गैर-मुस्लिमों, खासकर हिंदुओं, को व्यवस्थित रूप से बाहर किया गया। समय के साथ यह स्पष्ट होता गया कि पाकिस्तान की नींव ही हिंदू-विरोधी मानसिकता पर रखी गई थी, जो आज भी उसकी आंतरिक और रक्षा नीतियों में झलकती है।
1. गजनवी (Ghaznavi Missile) – महमूद गजनवी
- महमूद गजनवी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया (998–1030 AD के बीच)।
- उसका सबसे कुख्यात हमला 1025 में सोमनाथ मंदिर पर हुआ, जिसे उसने पूरी तरह लूटा और ध्वस्त कर दिया।
- हजारों हिंदुओं की हत्या की गई, मंदिरों से सोना, चांदी, मूर्तियाँ और धातुएं लूट कर गजनी (अब अफ़ग़ानिस्तान) ले जाई गईं।
- इस हमले को इस्लाम के “जिहाद” के रूप में प्रचारित किया गया।

2. बाबर (Babur Missile) – ज़हीर-उद्दीन बाबर
- बाबर ने 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई जीत कर दिल्ली सल्तनत पर कब्ज़ा किया और मुग़ल साम्राज्य की नींव रखी।
- बाबर की आत्मकथा “बाबरनामा” में खुद लिखा है कि उसने हिंदू मंदिरों को ध्वस्त किया और मूर्तियों को तोड़ा, इसे इस्लाम की जीत बताया।
- बाबरी मस्जिद का निर्माण बाबर के सेनापति मीर बाकी ने अयोध्या में राम मंदिर को तोड़कर किया — जिस पर आज तक विवाद है।
- धार्मिक असहिष्णुता और हिंसक विजय बाबर की नीति का हिस्सा थे।

3. अब्दाली (Abdali Missile) – अहमद शाह अब्दाली
- अब्दाली ने 18वीं शताब्दी में भारत पर सात बार आक्रमण किया।
- 1761 की पानीपत की तीसरी लड़ाई में उसने मराठों को हराया, लेकिन उसके बाद कई हजार निर्दोष हिंदुओं और मराठा सैनिकों की हत्या की गई।
- दिल्ली, मथुरा और वृंदावन जैसे धार्मिक शहरों को लूटा गया और मंदिरों को अपवित्र किया गया।
- महिलाओं और बच्चों को गुलाम बनाकर अफगानिस्तान ले जाया गया
4. मोहम्मद गौरी, जिसने पृथ्वीराज चौहान को हराया और दिल्ली सल्तनत की नींव डाली।
क्या पाकिस्तान इन नामों से ‘गौरव’ पाता है?
इन मिसाइलों के नाम उन ऐतिहासिक किरदारों पर रखे गए हैं जिन्होंने भारत में:
- धार्मिक असहिष्णुता फैलाई,
- हिंदू धर्म स्थलों को नष्ट किया,
- लूट, हत्या और दासता के रास्ते अपनाए।
पाकिस्तान की प्रमुख मिसाइलें, उनकी रेंज और नामों के पीछे ‘नापाक’ मंशा
मिसाइल का नाम | प्रकार | रेंज (किमी) | क्षमता | नाम का ऐतिहासिक संदर्भ |
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गजनवी (Ghaznavi) | शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल | ~290 किमी | न्यूक्लियर/कन्वेंशनल | महमूद गजनवी – 11वीं सदी का आक्रमणकारी जिसने सोमनाथ मंदिर सहित भारत पर कई हमले किए। |
अब्दाली (Abdali) | शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल | ~180 किमी | न्यूक्लियर/कन्वेंशनल | अहमद शाह अब्दाली – 18वीं सदी का अफगान शासक जिसने पानीपत की तीसरी लड़ाई लड़ी। |
शाहीन-I (Shaheen-I) | शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल | ~750 किमी | न्यूक्लियर/कन्वेंशनल | “शाहीन” मतलब बाज़; सांकेतिक रूप से ताकत और तेज़ी का प्रतीक। |
शाहीन-II | मीडियम-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल | ~2000 किमी | न्यूक्लियर/कन्वेंशनल | पहले से अधिक रेंज और सटीकता। |
शाहीन-III | मीडियम-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल | ~2750 किमी | न्यूक्लियर | इसकी रेंज अंडमान और निकोबार द्वीपों तक मानी जाती है। |
हात्फ़ (Hatf) सीरीज़ | विभिन्न बैलिस्टिक मिसाइलें | 70-2000+ किमी | न्यूक्लियर/कन्वेंशनल | ‘हात्फ़’ एक इस्लामी युद्ध का हथियार था – प्रतीकात्मक नाम। |
बाबर (Babur) | क्रूज़ मिसाइल | ~450-700 किमी | न्यूक्लियर/कन्वेंशनल | बाबर – मुग़ल साम्राज्य का संस्थापक, जिसने 1526 में भारत पर हमला किया। |
नसर (Nasr) | शॉर्ट-रेंज टैक्टिकल न्यूक्लियर मिसाइल | ~70 किमी | केवल न्यूक्लियर | “कोल्ड स्टार्ट” जैसी भारतीय सैन्य रणनीतियों का जवाब माना जाता है। |
यह सिर्फ एक सैन्य रणनीति नहीं, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक और वैचारिक युद्ध का संकेत है। पाकिस्तान उन नामों को मिसाइलों पर रखकर इतिहास के अत्याचारी चेहरों को महिमामंडित करता है। पाकिस्तान की नीतियाँ, उसका इतिहास और उसका सांस्कृतिक रवैया स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वह ‘हिंदू नफरत’ की नींव पर खड़ा हुआ देश है। यह केवल राजनीतिक मतभेद का मामला नहीं है, बल्कि एक गहराई से जुड़ी वैचारिक सोच है जो आज भी पाकिस्तान के हर निर्णय में झलकती है — चाहे वह मिसाइल परीक्षण हो या अल्पसंख्यकों के अधिकार।